असहाय व आपदा पीडित व्यक्ति से सेवा ही इंसान का सर्वोपरी धर्म- जायसवाल

गरीब व जरूरतमन्द परिवारों को लुपिन के बांटी आर्थिक मदद

May 4, 2021 - 17:32
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असहाय व आपदा पीडित व्यक्ति से सेवा ही इंसान का सर्वोपरी धर्म- जायसवाल

भरतपुर (राजस्थान/ रामचंद्र सैनी)  कोरोना की इस महामारी में अग्निपीड़ितों और असहाय व दुर्घटनाओं से ग्रस्त पीडि़तों को राहत पहुंचाने हेतु लुपिन संस्था लगातार मदद कर राहत पहुंचा रही है। लुपिन के प्रयासों को सराहते हुए जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने बीझौली सरमथुरा निवासी अजय पुत्र भरत लाल की माता क्रांति मीणा के नाम 15 हजार रुपये की राशि का चैक एवं  अग्निपीड़ित परिवार बसई सामंता पंचायत के शब्बीर पुत्र बशीर जाति मुसलमान गांव भिलागवां के लिए जब लुपिन द्वारा आर्थिक सहायता राशि 10 हजार रुपये का चैक सौपें तो पीड़ितों की चेहरे पर राहत और खुशी की झलक दिखाई दी।  पिछले दिनों अजय पुत्र भरत लाल ग्राम बीझोली सरमथुरा निवासी सड़क दुर्घटना में बुरी तरह से जख्मी हो गया और सिर में गंभीर चोटें आने के चलते जयपुर रैफर कर दिया गया जिसका सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में सफल ऑपरेशन हुआ । परिवार में आर्थिक हालात की कमजोरी के चलते लुपिन संस्था द्वारा मदद का हाथ बढ़ाया और मदद करते हुए 15 हजार रुपये की राशि का चैक दिया । भिलागवां में आगजनी की घटना की वजह से बसई सामंता ग्राम पंचायत के एक परिवार के रोजगार साधन खत्म हो गए, उस आग में इनकी ठेले आदि के साथ-साथ समान भी जलकर राख हो गया था। पीड़ित को मीडिया प्रकोष्ठ के भगवान सिंह मीना व बसई सामंता सरपंच रघुवीर सिंह कुशवाह की पहल पर आर्थिक मदद मिली। उन्होंने बताया कि  इन परिवारों की आवश्यक मदद उपलब्ध करवाने के लिए लुपिन के जिला प्रबंधक सुबोध गुप्ता को अवगत कराने पर अधिशाषी निदेशक सीताराम गुप्ता से आर्थिक मदद देने की प्रार्थना की। जिस पर सोमवार को लुपिन की तरफ से सहायता राशि चैक खुद जिला कलक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने इन पीड़ित परिवारों को सौंपे। इन चैकों को पाकर इन परिवारों चहरे खुशी से खिलखिला उठे। इस मौके पर जिला कलक्टर ने लुपिन के द्वारा किये गए प्रयासो की सराहना करते हुए कहा कि  इस तरह के सेवा कार्यों से उत्तम जीवन मूल्यों की स्थापना होती है। हमें मानवता को भूलना नहीं चाहिए। मानव समाज में सबसे कमजोर, दबे-कुचले, गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा ही ईश्वर की सच्ची उपासना कहा गया है। वास्तव में सेवा भाव है, कर्म नहीं। इस कारण प्रत्येक परिस्थिति में योग्यता, रुचि और सामर्थ्य के अनुसार सेवा हो सकती है। सच्चे सेवक की दृष्टि में कोई भी पराया नहीं होता। नि:स्वार्थ भाव से सेवा करना मानव धर्म भी है। हमारे शास्त्रों में ऐसे अनेक प्रसंग हैं जो हमें सेवा परोपकार की महत्ता बताते हैं । उन्होंने लोगों से कहा कि हमारे शास्त्रों में आपदा पीड़ितों, असहायों और जरूरतमंद लोगों की सेवा, सहायता को सर्वोपरि धर्म बताया गया है। इन प्राकृतिक आपदा के मारे मानवों की सेवा सहायता तो साक्षात नारायण की आराधना ही है।समाज का हर वर्ग ऐसे अच्छे कार्यो के लिए हमेशा आगे रहा है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि जरूरतमंद को सहायता नहीं मिलती है। जबकि उसको जरूरत होती है। इसके लिए जरूरी है कि ऐसे लोगों की पहचान कर उनको ही जरूरत की सुविधा मुहैया कराई जाए, ताकि उनको इसका लाभ मिल सके। इस मौके पर सरपंच बसई सामंता ने  लुपिन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सही मायने में सेवा है जिसके करने से पीड़ित या दुखी व्यक्ति के चेहरे पर खुशी आती है। उन्होंने बताया कि आग लग जाने से पिछले दिनों  झोंपड़ी व आवश्यक सामान जलकर राख हो गए थे। जिससे इस परिवार के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया था। इस अवसर पर  पीड़ित परिवार के सदस्य अंशुल मीना ,शब्बीर पुत्र बसीर,सरपंच बसई सामंता रघुवीर सिंह कुशवाह,मीडिया प्रकोष्ठ के भगवान सिंह मीना, सहित अन्य उपस्थित रहे।

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