रंग पेंट व डिस्टैम्पर की सजी दुकानें, बिक्री कम होने से विक्रेता मायूस
बयाना (भरतपुर,राजस्थान/ राजीव झालानी) दीपावली से पूर्व कस्बे के बाजारों में इस बार भी नए आयामों के साथ रंग पेंट व डिस्टैम्पर की दुकानें सजी है। किन्तु बिक्री काफी कम होने से यह विक्रेता काफी मायूस है। रंग पेंट व डिस्टैम्पर विक्रेताओं ने बताया कि तेजी से बढते पैट्रोलियम पदार्थो के रेटों व तेजी से बढती महंगाई की मार का असर रंग पेंट व डिस्टैम्पर के कारोबार पर भी पडा है। इधर रंग पेंट बनाने के काम आने वाले विभिन्न विदेशी कैमिकलों का आयात भी महंगा हो जाने से भी असर पडा है। महंगाई के इस दौर में रंगाई पुताई का काम करने वाले मजदूरांे की मजदूरी की रेटें भी इस बार काफी महंगी हो गई है। चौतरफा महंगाई के चलते अब आमजन व जरूरतमंद लोग भी बहुत जरूरत या आवश्यकता के अनुसार ही अपने मकान दुकानों की रंगाई पुताई करवा रहे है।
शेष हिस्सों की केवल साफ सफाई करके ही काम चला रहे है। इधर त्यौहारी सीजन के चलते बाजारों में नकली व घटिया रंग पेंट एवं डिस्टैम्पर की बिक्री भी होने लगी है। बाजारों में अब पारम्परिक सफेदी चूना, पीली मिट्टी, गेरू व कलई के रंगों के गायब होने जाने से आमजन भी अब पैकबंद रंगपेंट व डिस्टैम्पर खरीदने को मजबूर है। रंगपेंट डिस्टैम्पर विक्रेता कल्लू ने बताया कि यू ंतो अब 12 महीने शादी विवाहों व नए भवनों के निर्माण के चलते रंग पेंट डिस्टैम्पर आदि की बिक्री होती है। किन्तु दिपावली के सीजन पर प्रायः सभी लोगों की ओर से अपने अपने दुकान मकानों की साफ सफाई व रंगाई पुताई किए जाने से इन दिनों बिक्री बढती है। किन्तु इस बार महंगाई की मार के चलते जितनी बिक्री बढनी चाहिए थी। उतनी से आधी भी नही बढ पाई है। जबकि लागत पहले से दुगुनी बढ गई है।