रास ब्यावर आसींद मांडल राष्ट्रीय राजमार्ग में भूमि अर्जन की कार्रवाई पर हाई कोर्ट का स्टे
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नीरज कुमार गुर्जर व मानस रणछोड़ खत्री द्वारा रास ब्यावर आसींद मंडल राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 158 पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा दो लेनी राजमार्ग के निर्माण हेतु भूमि अर्जन की कार्रवाई के विरुद्ध खातेदारों की ओर से माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर में याचिका पेश की गई। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा भारत के राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना दिनांक 20 मार्च 2020 के जरिए भूमि अर्जन की कार्रवाई अमल में लाते हुए भूमि अर्जित किए जाने की प्रस्तावित सूची प्रकाशित की गई थी। याचिकाकर्ता महेश सोनी व अन्य व्यथित पक्षकारों द्वारा सक्षम प्राधिकारी भूमि अवाप्ति अधिकारी आसींद को आपत्तियां प्रस्तुत करते हुए त्रुटिपूर्ण कार्रवाई को रुकवाने हेतु आवेदन किया गया। जिस आवेदन पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अभियंता व उच्च अधिकारियों की टीम गठित की जा कर मौके पर टोटल स्टेशन के निशानात डीपीआर के अनुसार राज्य सरकार एवं भूमिया सीट के से मिलान किए जाने पर त्रुटिपूर्ण एवं गलत पाए गए। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता द्वारा दलील पेश की गई कि रिपोर्ट का अवलोकन किए जाने के पश्चात सक्षम प्राधिकारी एवं भूमि अवाप्ति अधिकारी आसींद द्वारा परियोजना निदेशक राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ब्यावर को सूचित करते हुवे त्रुटि को दुरुस्त किए जाने के लिए पत्र प्रेषित किया गया परंतु याचिकाकर्ता खातेदारों की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए भूमि अर्जन की कार्रवाई अमल में लाई गई जो कानूनन चलने योग्य नहीं है जिस पर माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को पाबंद किया जाकर मौके की यथास्थिति यथावत रखे जाने का आदेश पारित किया गया।