बेटे ने दिवंगत माता-पिता के चिकित्सा अधिकारी बनने के सपने को किया साकार
बर्डोद (अलवर,राजस्थान/ मनीष सोनी) लोग अक्सर अपनी नाकामयाबी की वजह बदकिस्मत या खुद के साथ घटित किसी बड़ी दुर्घटना को बताते हैं। लेकिन किस्मत और बुरी परिस्थिति से गुजरने के बाद भी लोगों के बीच अपनी पहचान बना लेना ही सच्ची सफलता है। ऐसा ही एक उदाहरण बने है राठ क्षेत्र के बेटे डॉक्टर करतार बसवाल ग्राम पंचायत बर्डोद के रहने वाले है।इनके जीवन संघर्ष की कहानी युवाओं के लिए खासकर उन छात्रों के लिए जो गरीब, वंचित परिवार से आते हैं जिनके पास सुविधाओं के नाम पर शून्यता होती है उनके लिए एक प्रेरणा स्रोत है।
डॉ करतार बसवाल का जन्म अति साधारण परिवार में हुआ पिता गरीब मजदूर थे। पांच भाई बहन होने के कारण घर की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी बड़ी मुश्किल से जीवन गुजर बसर हो रहा था डॉ करतार ने मेडिकल की पढ़ाई करने की इच्छा जाहिर की तो पिता ने कर्ज लेकर परीक्षा की तैयारी के लिए जयपुर भेजा ही था कि पिता बीमार पड़ गये और मेडिकल एग्जाम के बीच में ही निधन हो गया जैसे तैसे करके एग्जाम दिए पर चयन नहीं हो पाया.. अगले साल घर पर रहकर फिर से तैयारी की लेकिन इस बार भी एग्जाम के दौरान ही माताजी का अचानक देहांत हो गया।
डॉ करतार पर दुखो का मानो वज्रपात ही हो गया। और अपने सारे सपने चूर-चूर होते नजर आए लेकिन इन्होंने हौसला नहीं हारा और फिर पूरी लगन के साथ एग्जाम दिया इस बार चयन बीएएमएस के लिए प्रतिष्ठित संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट आफ आयुर्वेद जयपुर में हो गया और यहां रहकर पूरे मनोयोग से बीएएमएस और कायचिकित्सा में एमडी की डिग्री हासिल की इसके बाद एम्स दिल्ली से अभी डायबिटीज पर पीएचडी कर रहे हैं डॉक्टर करतार को पढ़ाई के दौरान बड़ी आर्थिक कठिनाइयों का दौर झेलना पड़ा कई बार पढ़ाई छोड़ने का मन किया पर अपने माता-पिता से किया वादा याद करता और फिर पूरे जज्बे के साथ पढ़ाई में जुटा रहा और अंततः आज आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी पद पर चयन होने से अपने दिवंगत माता पिता के सपने को साकार करने पर हार्दिक खुशी और गर्व महसूस हो रहा है पर डॉ करतार ने अपनी विषम परिस्थितियों में सहयोग एवं मार्गदर्शन करने के लिए अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता एवं गुरुजनों के आशीर्वाद के साथ साथ अपने जीजाजी नरोत्तम चौहान व बड़े भाई साहब एडवोकेट रामबाबू बसवाल,
डॉ.सुंदर बसवाल को दिया इधर ग्राम बर्डोद में डॉ करतार के चयन होने पर गांव में खुशी का माहौल है। परिजनों ने मिठाइयां बांटकर खुशी जताई। वहीं डा करतार बसवाल को दुरभाष पर साथियों ए़ंव परिचित लोगों द्वारा बधाइयां एवं शुभकामनाएं देने वालो का तांता लगा रहा।