एसपी सहाब हमको न्याय दिला दो, तत्कालीन थाना प्रभारी पर लगाए अन्याय करने के आरोप
मूडिया गन्धार का पीडित पक्ष भरतपुर एसपी से मिला, स्पेशल टीम से जांच करने की मांग
भरतपुर (राजस्थान/रामचंद्र सैनी) थाना हलैना के गांव मूडिया गन्धार के एक मर्डर प्रकरण को लेकर पुलिस द्वारा पुरानी रंजिस को लेकर उक्त प्रकरण में निर्दोष व्यक्तियों को फंसाया जाने के आरोप लगा पीडित पक्ष के लोग किसनसिंह सैनी एवं मुनेश कुमारी के नेतृत्व में भरतपुर जिला पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र कुमार विश्नोई से मिला,जिन्हाने ज्ञापन देकर एसपी सहाब से प्रकरण के बाद आज तक घरों में गायब हुए माल की वरामदी व उक्त प्रकरण की रिर्पोट दर्ज कराने एवं न्याय दिलाना व निर्दोष व्यक्तियों को उक्त प्रकरण में नही फंसाए जाना सहित प्रकरण की स्पेशल टीम से जांच कराने की मांग की। जिस पर एसपी विश्नोई ने कहा कि प्रकरण की सच्चाई से जांच होगी और निर्दोष व्यक्तियों को उक्त प्रकरण में नही फंसाया जाऐगा,यदि पुलिस दोषी मिली,तो उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही होगी। ज्ञापन देने वाला किसनसिंह व मुनेश कुमारी ने बताया कि हलैना थाना के गांव मूडिया गन्धार में 5 अक्टूम्बर 2020 को भूमि विवाद को लेकर विवाद हो गया,जिसमें हमारे पक्ष के ट्रेक्टर चालक तेजसिंह से विवाद के समय ट्रेक्टर से दूसरे पक्ष के एक युवक ही मौत हो गई,जिस पक्ष के युवक मौत हुई,उस पक्ष के लोगों ने तेजसिंह व रमेश का धेराव कर बुरी तरह से मारा पीटा,उसके बाद तेजसिंह ने ट्रेक्टर से उक्त युवक को मार दिया। जिसकी रिर्पोट मृतक युवक के परिजनों ने हलैना थाना में दर्ज कराई,जिसमें हमारे पक्ष के 21 जनों को नामजद किया,जिसमें कई के नाम असत्य दर्ज कराएं। हलैना पुलिस ने 3 महिलाओं सहित 8 जनों को उक्त प्रकरण में पकडा,जो जेल में बन्द है,उक्त प्रकरण से तीनों महिलाओं की उच्च न्यायालय से जमानत हो गई,लेकिन हमारे पक्ष के 5 जने आज भी जेल में बन्द है,पुलिस के भय के कारण हमारे पक्ष के दो युवक घर से गायब है,जिनकी हमे आज तक जानकारी नही है। उन्होने बताया कि मेरे भाई नारायणसिंह सैनी एसीबी में कांस्टेबिल है,जिसको लेकर हलैना पुलिस रंजिस रखी हुई है। हमारे पक्ष ने गांव के एक जने के खिलाफ घर में प्रवेश कर छेडछाड का नामजद मामला दर्ज कराया,उसमें पुलिस ने एफआर लगा दी,उसके बाद गांव में झगडा हुआ,दोनो पक्ष से दो जने शान्तिभंग के आरोप में पकडे,मेरे भाई ने उक्त प्रकरण तथा हलैना पुलिस की शिकायत जयपुर जा कर सीएमओ में की,जहां सीएम के ओएसडी ने तत्कालीन एसपी अमनदीप कपूर से उक्त प्रकरण की जांच कराने के निर्देश दिए,जिसको लेकर तत्कालीन हलैना थाना के प्रभारी व अन्य पुलिसकर्मी रंजिस रखने लगे,कुछ दिन बाद गांव में विवाद हो गया,हलैना पुलिस को हमारे खिलाफ असत्य प्रकरण में मेरे भाई एवं उसके परिवार को फंसाने का मौका भी मिल गया। जिन्होने झगडे से समय मरे युवक के परिजनों से मिल कर 21 जनों के खिलाफ हत्या का नामजद मामला दर्ज कराया,जिस समय झगडा हुआ,उस समय मेरा भाई नारायणसिंह,उसकी पुत्री मुनेश कुमारी,पुत्र राजवीर व डालचन्द आदि नही थे। उन्हे प्रकरण में असत्य फंसा दिया। उन्होने बताया कि थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी ने दूसरे पक्ष का साथ दिया और हमारे पक्ष के प्रकरण से नाम निकालने के ऐवज में हमारे रिस्तेदारों से मोटी रकम ऐंठ ली। उन्होने बताया कि उक्त प्रकरण की जांच हलैना थाना प्रभारी के बाद भुसावर सीओ निहालसिंह तथा उसके बाद भरतपुर ग्रामीण सीओ हरीराम मीणा ने तथा उसके बाद प्रशिक्षु आईपीएस वन्दता राणा कर रही है।
-उच्च न्यायालय में मिली जमानत
हलैना थाना के गांव मूडिया गन्धार निवासी किसनसिंह सैनी ने बताया कि उक्त प्रकरण को लेकर उच्च न्यायालय जयपुर में अनीता कुमारी पुत्री तेजसिंह,मुनेश कुमारी पुत्री नारायणसिंह एवं रतिदेवी पत्नी नारायणसिंह की जमानत के फाइल लगाई,उच्च न्यायालय के न्यायाधीश महेन्द्र कुमार गोयल ने उक्त तीनों महिलाओं की जमानत ले ली,जिसके बाद ये करीब 105 दिन बाद जेल से रिहा हुई।
-गांव में लगता भय
उच्च न्यायालय के आदेश पर जेल से रिहा होकर आई गांव मूडिया गन्धार निवासी अनीता कुमारी पुत्री तेजसिंह,मुनेश कुमारी पुत्री नारायणसिंह एवं रतिदेवी पत्नी नारायणसिंह ने बताया कि हमारे घरों पर ताला लटके हुए है,रिस्तेदारों के सहयोग से खेती की जा रही है,जेल से रिहा होने के बाद गांव आए,जहां हमको गांव के कुछ लोग आज भी डराते है और अनेक प्रकार की धमकियां देते है,जिसकी पुलिस को सूचना देते है,वह हमारी मदद नही करती। गांव से बहार बने ताऊ के मकान में रह रहे है,जहां से हम गांव के अन्दर नही जा सकते,दो घरों में आज भी ताला लटका हुआ है,जिन घरों से हमारा सामान गायब है। घर से बहार निकलते समय समूह बना कर जाना पडता है। बच्चों को घर के अन्दर ही रखा जाता है। आज भी हम भयं भरा जीवन जी रहे है।