सेंट स्टीफन स्कूल के स्टाफ व अभिभावकों ने ज्ञापन सौपा
भीलवाडा / बृजेश शर्मा
शहर के आर के कॉलोनी स्थित एक स्कूल को गत दिनों बैंक द्वारा सीज करने को लेकर विद्यालय प्रधानाचार्य के नेतृत्व में विद्यालय स्टाफ व अभिभावकों ने जिला कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौपा
इस दौरान प्रधानाचार्य ने बताया की सेन्ट स्टीफन सैकेण्डरी स्कूल का संचालन हो रहा था, उस दौरान पुर रोड स्थित केनरा बैंक के अधिकारी मौके पर पहुंचे व
स्कूल के स्टॉफ व बच्चों को जबरन स्कूल परिसर में घुसकर बाहर निकाल पुलिस का भय दिखा जबरन कब्जा प्राप्त कर लिया और मौके पर स्कूल संचालक को उनके द्वारा किसी प्रकार का सीजिंग मेमो भी नहीं दिया गया और विद्यालय में स्कूल संचालन का सारा सामान , रिकॉर्ड इत्यादि सीज कर लिए गए। जब की स्कूल में इस तरह से हस्तक्षेप करने का बैंक का कोई अधिकार व आधिपत्य नहीं है । जानकारी के अनुसार उक्त स्कूल भवन को जयवर्धन बड़ला विगत कई वर्षों से स्कूल का संचालन अनवरत रूप से कर रहा है । सरफेसी एक्ट में स्पष्ट है कि मौके पर काबिज व्यक्ति को इस प्रकार की किसी भी कार्यवाही के सम्बन्ध में सूचना दिया जाना आवश्यक है । जिस सम्बन्ध में भवन मालिक व बैंक द्वारा विद्यालय संचालक को किसी प्रकार का कोई नोटिस नहीं दिया गया और ना ही किसी प्रकार की सुनवाई का अवसर दिया गया है । इस तरह पुलिस प्रशासन एवं बैंक अधिकारियों द्वारा किये गये कृत्य से संचालित स्कूल में जो बच्चे अध्ययनरत् थे , वे व उनके परिजन काफी सहमें हुये है, परिजन अपने बच्चों के भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं व अपने बच्चों का अध्ययन अनवरत रूप से जारी रखना चाहते हैं, जब कि कानूनन किसी भी विद्यालय सत्र के दौरान उसे बंद कर दिया जाना अथवा सीज कर दिया जाना संवैधानिक अधिकारों के विपरित है,. विगत 4 दिनों से बच्चों को घर रहना पड़ रहा है और ना ही विद्यालय प्रतिनिधिगण के पास किसी अन्य भवन का इन्तजाम है , ऐसे में चलित विद्यालय को सीज किया जाना बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है , जो अभिभावकगण एवं शिक्षकगण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगें । पूर्व में कोविड -19 के चलते केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा समस्त विद्यालयों को बंद रखा गया था , जिससे बच्चों की पढ़ाई नही हो सकी , किन्तु सरकार द्वारा पुनः विद्यालय को भौतिक रूप से आरंभ किये जाने के पश्चात् ऐसा आदेश कर विद्यालय को सीज किया जाना अपने आपमें कानून के विपरीत होकर बच्चों के भविष्य के साथ कुठाराघात है ।यदि इस सत्र में भी छात्र छात्राये अपनी पढ़ाई निर्धारित समय में पूर्ण नहीं कर पा रहे है जिससे बच्चों का भविष्य एक वर्ष का नुकसान सत्र चालू होते हुये भी हो जायेगा जिससे परिजन भी प्रभावित होगें शिक्षकगण विद्यार्थिगण के हो रहे नुकसान की भरपाई करने हेतु पूर्ण रूप से कटिबद्ध है और अभिभावकगण को इस हेतु पूर्ण आश्वासन भी दिया इसी कारण सभी अभिभावकगण भी शिक्षकगण के साथ प्रयासरत है बच्चों का भविष्य आपके विधि प्रतिकूल आदेश की वजह से प्रभावित ना हो छात्र - छात्राओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुये उक्त आदेश को निरस्त करते हुये विद्यालय संचालन सुचारू रूप से करवाने की मांग की है, जिससे बच्चों का भविष्य खराब ना हो और विद्यार्थी इस शैक्षिक सत्र की कक्षा को उत्तीर्ण कर अगले सत्र में प्रवेश ले सके ।