मंथन के सफल होते प्रयास- चलने लगी निःशक्त बालिका
बहरोड़ (अलवर, राजस्थान/ योगेश शर्मा) मंथन फॉउन्डेशन चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा दिव्यांग सेवा हितार्थ संचालित मंथन सीबीआर सेंटर, जैनपुरवास को एक बड़ी सफलता मिली है जहाँ परमस्तिष्कीय पक्षाघात से ग्रसित एक 3 वर्षीय निःशक्त बालिका चलने लगी।
प्रोजेक्ट मैनेजर रामसिंह मोरोड़िया ने बताया कि डेढ़ वर्ष पूर्व सेंटर में एक प्यारी बच्ची काजू आयी थी जो चलना तो दूर ठीक से बैठ भी नही पाती थी। उसके परिवारजन पूरी तरह से उम्मीद भी खो चुके थे ऐसी परिस्थिति में आशा की किरण बनकर मंथन सीबीआर सेंटर उनके सामने आया।
रामसिंह व उनके सहयोगियों द्वारा डॉ. पीयूष गोस्वामी के मार्गदर्शन अनुसार निःशुल्क फिजियोथेरेपी , एक्सरसाइज, योगा व अन्य थेरपीस दी गयी जिससे पहले वह बच्ची सहारे से चलने लगी और अब पूर्णरूप से बिना सहारे के भी चल पाती है, इस सकारात्मक बदलाव से उस पूरे परिवार का जीवन ही बदल चुका है। इस उपलब्धि पर अभिभावक सहित ग्रामीण जन ने रामसिंह व पूरी मंथन टीम का आभार व्यक्त किया।
वहीं मंथन सचिव डॉ. सविता गोस्वामी ने बताया कि गत 4 वर्षों से संचालित इस मंथन दिव्यांग रिहैबिलिटेशन सेंटर से कई बच्चे लाभान्वित हो चुके है।
शुभम नाम का बच्चा जो सुन बोल नही सकता था डॉ. गोस्वामी द्वारा दी गयी स्पीच थेरेपी द्वारा वह सुनने और बोलने लगा है, खुशी जो कि तुतलाने की समस्या से ग्रसित थी अब काफी अच्छे से स्पष्ट आवाज में कविता सुनाती है, संदीप जो हकलाने की वजह से अपना आत्मविश्वास खो चुका था अब सही होकर पुनः सफलता के रास्ते पर अग्रसर है, अंकित जो कि मस्कुलर डिस्ट्रोफी की वजह से बिस्तर पर आ चुका था अब वाकर की सहायता से चलने लगा है। ऐसे कई सकारात्मक बदलाव इन बच्चो में देखने को मिले है। और यह सब सम्भव हो पाया है प्रभु की कृपा व डॉ. पीयूष गोस्वामी, संगीत प्रशिक्षिका वसंती यादव, ललिता प्रजापत, प्रदीप यादव सहित पूरी मंथन टीम के अथक प्रयास सफल रहे।।