ब्रज के पर्वतों पर चल रहे खनन के विरोध में हज़ारों साधू संतों व ग्रामवासियों ने दी आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी

मुख्यमंत्री कार्यालय के बुलावे पर सरकार से बातचीत के लिए प्रतिनिधिमंडल जयपुर रवाना

Mar 1, 2021 - 22:55
 0
ब्रज के पर्वतों पर चल रहे खनन के विरोध में हज़ारों साधू संतों व ग्रामवासियों ने दी आमरण अनशन पर बैठने की  चेतावनी

डीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) ड़ीग क्षेत्र में पिछले 45 दिनों से डीग तहसील के गांव पसोपा में ब्रज के पर्वत कंकाचल व आदिबद्री को खनन मुक्त  करने की मांग को लेकर  धरने पर वैठे साधू संतों व  हजारो स्थानीय ग्रामीणों ने सोमवार को सरकार द्धारा खनन पर  शीघ्र रोक नहीं लगाई जाने की दशा में अनिश्चितकालीन आमरण अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है का धरना चल रहा है । वही  मंगलवार को होने वाली संभावित वार्ता  के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय के बुलावे पर आन्दोलनकारियों का  एक प्रतिनिधि मंडल  सोमवार को जयपुर के लिए  रवाना हो गया है। इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विधायक व संरक्षण समिति के संरक्षक गोपी गुर्जर, मानमंदिर के सचिव व राष्ट्रीय सलाहकार राधाप्रिय, आन्दोलन के संरक्षक राधाकांत शास्त्री एवं समाजसेवी चंद्रशेखर खूंटेटा शामिल है । राधाप्रिय ने बताया कि वर्ष 2001 से ब्रज के धार्मिक पर्वतों के खिलाफ चल रहे संघर्ष के पश्चात नवम्बर 2009 में साधु संतों व विश्वभर के कृष्णभक्तों की भावनाओं को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन प्रदेश सरकार ने भरतपुर जिले के डीग व कामा तहसील में पड़ रहे ब्रज के पर्वतों को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया था लेकिन उस समय स्थानीय प्रशासन की जानकारी के अभाव के कारण उक्त में से अत्यंत महत्वपूर्ण पर्वत कन्कांचल व आदिबद्री का कुछ हिस्सा जो कि तहसील नगर व पहाड़ी में पड़ता है, तहसील में अंतर होने के कारण वन संरक्षित क्षेत्र घोषित होने से छूट गया था। उनका आरोप है कि वर्ष 2009 में डीग व कामां स्थित ब्रज के पर्वतों को संरक्षित वनक्षेत्र घोषित किए जाने बाद से ही भरतपुर जिले के नगर व पहाड़ी तहसील मे पड़ रहे आदिबद्री व कन्कांचल पर्वत के हिस्से पर भारी मात्रा में खनन कार्य चल रहा है व इसकी आड़ में प्रशासन व उच्चे पद पर बैठे अधिकारियों के प्रभाव के चलते बड़े स्तर पर सटे हुए संरक्षित वनक्षेत्र में वृहद् स्तर पर अवैध खनन को अंजाम दिया जा रहा है।  उन्होंने यह भी कहा कि  वर्ष 2009 से ही नगर व पहाड़ी तहसील के उक्त पर्वतीय क्षेत्र को वनक्षेत्र में घोषित करने के लिए कई बार प्रशासन व राज्य सरकार को पत्र-प्रतिवेदन, प्रदर्शन व आन्दोलन द्वारा अवगत  कराया जा चुका है व दुर्भाग्य की बात है की खनन माफियों  से सांठगांठ होने  के कारण सरकार में उच्चे पदों पर बैठे लोगों ने कोई कार्यवाही नहीं होने दी  है।
वहीँ ज़गोपी गुर्जर से प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ब्रज के इन धार्मिक पर्वतों पर खनन कर रहे खनन माफियाओं को उच्चे पदों पर बैठे प्रशासनिक अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है और उन्हीं की शय पर खननकर्ता उक्त क्षेत्र में खनन की आड़ में करोड़ों रुपयों की धांधली के साथ-साथ माननीय उच्चतम न्यालय के विभन्न आदेशों व वन सम्बंधी कानूनों की खुले आम अवहेलना कर इन पर्वतों व वनक्षेत्र का न्योजित टारके से नाश किया जारहा है | उन्होंने खनन विभाग के अधिकारियों पर सरकार को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि खनन विभाग व जिला प्रशासन उपरोक्त पर्वतों पर खनन बंद होने पर जिस राजस्व की  हानि के बारे में सरकार को भ्रमित कर रहा है उस सन्दर्भ में अगर ब्रज के पर्वतों पर वर्षों से हो रहे अवैध खनन की जांच कराई जाये तो ज्ञात होगा कि विगत कई वर्षों में इन पर्वतों पर वैध खनन की आड़ में राज्य सरकार को हज़ारों करोड़ों रूपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाया जा चुका है, जिसमें बड़ी संख्या में बड़े सरकारी पदों में बैठे रसुकदार  बेनकाब हो सकते है । 
राधाकांत शास्त्री ने जानकारी दी कि  साधू संत व स्थानीय ग्रामीणों द्वारा दिए जा रहे 45 दिन के बाद किसी प्रकार कि कार्यवाही की बात तो दूर है प्रशासन ने खनन माफियों को लाभ पहुंचाने के लिए हमारे आराध्य आदिबद्री पर्वत 38 नए खनन पट्टों की स्वीकृति दे कर तानाशाही की सारी हदें पार करते हुए जनमानस की लाखों कृष्ण भक्तों व ग्रामवासियों की भावनाओं  पर गहरा कुठाराघात किया है | यहाँ तक प्रशासन ने स्थानीय पंचायत से भी बात कर उनसे अनापत्ति भी नहीं मांगी | उन्होंने सरकार व प्रशासन को आगाह करते हुए कहा कि ब्रज का साधू समाज इस पर्वतों के रक्षा के लिए मरने- मिटने तक के लिए तैयार है व हमारे इस आन्दोलन को किसी भी प्रकार से कम आकने की कोशिश न करें | उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर सरकार भी खनन माफियों की कठपुतली बनकर और  प्रशासन व व रसूकदार  अधिकारियों के बहकावे में आकर हमारे पर्वतों को संरक्षित नहीं करती है तो देश भर से कई हज़ारों की संख्या में लोग इसको लेकर आमरण अनशन पर बैठेगें ।उन्होंने यह भी बताया की पूर्व में ही किसान यूनियनों व अखिल भारतीय गुर्जर महासभा ने भरतपुर में महापड़ाव की चेतावनी दी हुई है |
चन्द्र शेखर खूंटेटा ने भी जानकारी देते हुए कहा इस आन्दोलन के चलते न केवल सरकार की छवि पर नाकारात्मक प्रभाव पड़ रहा अपितु स्थानिय लोगों व साधु संतों एवं विश्व के ब्रजप्रेमियों में  प्रशासन के खिलाफ खासा असंतोष व्याप्त हो चुका है। जिसके चलते विगत 16 जनवरी 2021 से स्थानीय ग्रामवासी व साधु संत हजारों की संख्या  ग्रामीण  डीग   तहसील के गांव पसोपा गाँव में निर्णायक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए है जोकि कभी अब एक व्यापक एवं उग्र आन्दोलन का रूप लेने के कगार पर है । उन्होंने बताया कि आन्दोलनकारियों को अभी भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से थोड़ी उम्मीद है क्योंकि उन्होंने ही वर्ष 2009 में इन्हीं ब्रज के पर्वतों के बड़े हिस्से को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित किया था, अब थोडा सा जो इनका अभिन्न हिस्सा रह गया है उसे राज्य सरकार को अविलम्ब खनन मुक्त कर संरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर देना चाहिए अन्यथा 2009 में लिया गया निर्णय अर्थहीन हो जायेगा व देश भर के कृष्णभक्तों, साधू संतों , किसानों , गुर्जर समाज के लोगों आदि का भारी विरोध सहन करना पड़ेगा ।
सोमवार को धरना स्थल पर दिन भर 5 मार्च को होने वाले प्रदर्शन की तैयारियों की गहमागहमी रही ।पृर्व बिधायक गोपी गुर्जर व अन्य प्रमुख लोगो ने धरनार्थियों के साथ बैठ कर प्रदर्शन को ले कर विभिन्न योजनाओं पर गंभीर विचार विमर्श किया। तथा इसको लेकर गठित टीमों ने सोमवार को पसोपा, अलीपुर, नांगल, ककराला, कोडली, रूपवास आदि 20 से अधिक गावों में प्रचार कर तैयारियों का जायजा लिया  । वहीँ आदिबद्री के महंत शिवराम दास के नेतृत्व एक प्रतिनिधी मंडल ने ब्रज के संतों से भेट कर आगे की योजना बनाई ।साथ ही साथ संरक्षण समिति के महासचिव ब्रजदास की अगुवाई में वृन्दावन कुम्भ के सभी बड़े संतों व अखाड़ों प्रमुखों से 5 मार्च के प्रदर्शन के लिए संपर्क साधा । ब्रजदास ने बताया कि मंगलवार को वृन्दावन कुम्भ स्थित मानमंदिर पंडाल में आगामी  5 मार्च को हो रहे प्रदर्शन के लिए  सभी साधू समाज व अखाड़ा परिषद् की बैठक का आयोजन किया जावेगा  जिसमे सभी प्रमुख संत सम्मिलित हो कर संत समाज कि ओर से अंतिम रणनीति तय करेंगें ।

 

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

एक्सप्रेस न्यूज़ डेस्क बुलंद आवाज के साथ निष्पक्ष व निर्भीक खबरे... आपको न्याय दिलाने के लिए आपकी आवाज बनेगी कलम की धार... आप भी अपने आस-पास घटित कोई भी सामाजिक घटना, राजनीतिक खबर हमे हमारी ई मेल आईडी GEXPRESSNEWS54@GMAIL.COM या वाट्सएप न 8094612000 पर भेज सकते है हम हर सम्भव प्रयास करेंगे आपकी खबर हमारे न्यूज पोर्टल पर साझा करें। हमारे चैनल GEXPRESSNEWS से जुड़े रहने के लिए धन्यवाद................