आंदोलनकारियों ने आंदोलन के आगामी कार्यक्रमों को लेकर की महत्वपूर्ण बैठक, बनाई पुख्ता रणनीति
8 हजार से अधिक बनाये गए आंदोलन के सक्रिय सदस्य, ब्रज के 65 से अधिक गांवों में पहुंचा आंदोलन का सक्रिय सदस्यता अभियान
ड़ीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) कनकाचल एवं आदिबद्री पर्वत पर हो रहे विनाशकारी खनन के खिलाफ जारी धरने के 225 वे दिन तथा क्रमिक अनशन के 20 वे दिन शनिवार को ड़ीग के गांव पसोपा में धरनास्थल पर गौरांग बाबा, कृष्ण चैतन्य, गोविंद , हनुमान बाबा और नारायण दास क्रमिक अनशन पर बैठे।इस अवसर पर साधु संत और आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शीघ्र स्वस्थ्य होने के लिए भगवान से प्रार्थना की। धरना स्थल पर आयोजित बैठक में आगामी 31 अगस्त को प्रारंभ होने वाली भागवत कथा की तैयारियों का जायजा लिया गया साथ ही 3 सितम्बर को होने वाले गौ रक्षा सम्मेलन एवं 6 सितंबर को होने वाले कार्यकर्ता अधिवेशन व 9 सितम्बर को होने वाले संत समागम के बारे में रणनीति तैयार की गई।
भागवत कथा के बारे में जानकारी देते हुए आदि बद्री के महंत शिवराम दास ने बताया कि इस अनुष्ठानात्मक ज्ञान यज्ञ की कथा वाचिका मान मंदिर की प्रसिद्ध कथा प्रवक्ता साध्वी गौरी होंगी। साथ ही बाल साध्वी मधुबनी द्वारा प्रासंगिक प्रवचन भी दिया जाएगा एवं इसी के साथ साध्वी तुंगविद्या एवं साध्वी प्रतीक्षा द्वारा ब्रज के पारंपरिक भजन एवं रसियाओं का गान भी किया जाएगा । उन्हें कहा कि साधु संतों के पास भगवान के कथा कीर्तन एवं उनके नाम ले अलावा और कोई साधन नहीं है। वह सतत इसी का आश्रय को लेकर सभी प्रकार के संकल्पों को पूरा करने में लगे रहते हैं। संरक्षण समिति के संरक्षक राधाकांत शास्त्री ने कहा कि इन सब आयोजनों के माध्यम से हमारा सरकार को स्पष्ट संदेश है कि बृजवासी साधु संत एवं आंदोलनकारी जब तक दोनों पर्वत सुरक्षित व संरक्षित नहीं हो जाते हैं तब तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे। जो उत्तरोत्तर बढ़ता ही जाएगा।शनिवार को नदबई क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में आयोजित विशाल सभा में संरक्षण समिति के संरक्षक पूर्व विधायक गोपी गुर्जर ने समाज के हजारों लोगों को संबोधित करते हुए ब्रज के पर्वतों पर हो रही विनाशकारी खनन की जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि नदबई जो कि प्राचीन गाथाओं में नंदराय जी के गांव से जानी जाती है व ब्रज संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा है, इसके अंतर्गत आने वाले सभी गांवो के लोगो को एकजुट होकर ब्रज के पर्वत कनकाचल व आदिबद्री को खनन मुक्त कराने के लिए अपनी आवाज बुलंद करनी होगी । इस पर उपस्थित अपार जनसमूह ने एक स्वर में ब्रज के दोनों पर्वतों के संरक्षण के लिए हर संभव संघर्ष करने के लिए वचनबद्धता दिखाई। उनके साथ इस अवसर पर हरिबोल बाबा, महंत शिवरामदास, नित्यहरी दास आदि मोजूद थे ।
ब्रजकिशोर बाबा ने बताया है कि सक्रिय सदस्यता अभियान के तहत अभी तक 8000 से अधिक सक्रिय सदस्यों को इस आंदोलन से जोड़ा जा चुका है व 65 से अधिक गांवों में आंदोलन के सक्रिय सदस्य बनाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार को ग्राम शीशवाडा, नाहरौली, जनूथर, मोरौली, बड़ी नाहरौली, आदि गांवों में भारी संख्या में सदस्यों को आंदोलन से जोड़ा गया है।
इसके साथ ही आज 20 वे दिन भी आंदोलनकारियों का क्रमिक अनशन जारी रहा। आज गोरांग बाबा, गोविन्द, कृष्ण चैतन्य, हनुमान बाबा व नारायण दास क्रमिक अनशन पर बैठे। पसोपा धरना स्थल पर हुई बैठक में स्थानीय ग्रामवासियों व साधु-संतों के अलावा प्रमुख रूप से सरपंच सुल्तान सिंह बरसाना शरण बाबा, कृष्ण दास बाबा, भूरा बाबा एवं मुकेश शर्मा उपस्थित रहे।