वार्षिक कलशाभिषेक समारोह मुनि विद्यासागर के सानिध्य में सआनन्द सम्पन्न
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) सुपार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर हाऊसिंग बोर्ड शास्त्रीनगर में वार्षिक कलशाभिषेक समारोह मुनि विद्यासागर के सानिध्य में सआनन्द सम्पन्न हुआ। जिसमें कई प्रकार के कार्यक्रम दोपहर 1.30 बजे से प्रारम्भ हुये। मुनि विद्यासागर ससंघ का दोपहर में सुपार्श्वनाथ हाउसिंग बोर्ड मंदिर में मंगल प्रवेश हुआ तथा महिला मण्डल द्वारा अगवानी की गई। मुनि विद्यासागर जी महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि पर्वाधिराज दशलक्षण पर्युषण पर्व समापन पर यह समाज का सामूहिक कार्यक्रम होता है। जिसमे अशुमोपयोग से शुभोपयोग का मार्ग प्रशस्त होता है। उत्तम क्षमा, मार्दव आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग, आकिंचन्य तथा उत्तम ब्रहा्रचर्य दसलक्ष्णों के माध्यम से सम्यक दर्शन, ज्ञान, चारित्र के माध्यम से मोक्ष महल का मार्ग प्रशस्त होता है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में त्रिशला महिला मण्डल द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुती दी गई। कार्यक्रम के अतिथि पूर्व सभापति मंजू पोखरना व पूर्व पार्षद जितेन्द्र दरियानी थे।
समिति के सचिव राजकुमार बड़जात्या ने वर्षभर की गतिविधियों तथा भावी योजना के संबंध में पूरा विवरण प्रस्तुत किया तथा कोषाध्यक्ष यशवन्त काला द्वारा सालभर का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया। मीडिया प्रभारी भागचन्द पाटनी ने बताया कि तप आराधना करने वालें 10 तपस्वियों को, 80 वर्ष से ऊपर वाले 23 बुजुर्गों का, आजीवन अभिषेक पुण्यार्जकों का, जैन पाठशाला के छात्रों का, तथा समाज मंे उत्कृष्ठ कार्य करने वालों का सम्मान किया गया। पाठशाला के बच्चों का पारितोषिक पुरस्कार वितरण का डॉ. के.सी. जैन एवं बच्चों द्वारा अभिषेक करने का पारितोषिक पुरस्कार वितरण का सौभाग्य चेतन, रेखा, तुषार, सौरभ गदिया परिवार को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के पश्चात् मुनि ससंघ के सानिध्य में भगवान का अभिषेक एवं शांतिधारा की गई। कार्यक्रम के अन्त में समिति के अध्यक्ष एम.पी. पाटनी द्वारा धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया तथा संचालन पद्मचन्द काला ने किया। इस अवसर पर सभी कॉलोनी के श्रावक - श्राविकाऐं उपस्थित थे।
सभी कार्यक्रमों में सुपार्श्वनाथ सोशल समिति, सुपार्श्वनाथ जागृति मंच, त्रिशला महिला मण्डल, ज्ञानवान महिला मण्डल, महावीर सेवा समिति के सदस्य विनोद गोधा, माणिकचन्द बड़जात्या, लाभचंद काला, प्रवीण सेठी, पारस पहाड़िया, पंकज बड़जात्या, सुरेन्द्र काला, छीतरमल जैन, पारस शाह, संदीप बाकलीवाल, सुरेश लुहाड़िया, सुमित अजमेरा, राकेश पाटनी, जम्भु कुमार गदिया आदि का योगदान रहा।