अंग्रेजो से तो 73 साल पहले ही आजाद हो गया देश, लेकिन जातिगत आरक्षण की गुलामी मे उलझ गया फ़िर से:- शर्मा
जयपुर,राजस्थान
जयपुर। जातिगत आरक्षण कैसे दीमक की तरह देश को खाए जा रहा है। जैसे की सभी नेता चाहे किसी भी पार्टी का या किसी भी जाती का सभी गरीबी मिटाने के आधार पर वोट मागते है। यह बात पं भूदेव शर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय प्रगति पार्टी एवं जिला अध्यक्ष अखिल भारतीय ब्राम्हण महासभा धौलपुर वह सम्मानित सदस्य आजाद मंच भारत ए सिविल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने कहीं। उन्होंने कहा कि क्या 73 साल मे गरीबी दूर हुई नही ना उसका एक यही कारण है ये जातिगत आरक्षण क्योकी जो वास्तव मे गरीब है, उसको तो सरकार की किसी भी योजना का फायदा मिलता उसको तो बीच के दलाल खा जाते है और खाता लिख जाता है गरीब की गरीबी मिटाने का लेकिन नही ।
भूदेव ने कहा एक लड़के का बाप आई ए एस और मा स्कूल प्रिंसिपल है और ST या ST किसी भी आरक्षित जाति का है उसको आरक्षण देने से क्या फायदा ? आरक्षण दो उस आदमी को जो गरीब है,बिकलाँग है,असहाय है, जिस के पास पढने लिखने तक के पैसे नही है जमीन जायदाद नही है उसको वास्तव मे इसकी सक्त जरुरत है चाहे भी किसी भी जाती या समुदाय का हो।
आज की वास्तविक स्थिति यही है कि जब तक देश से ये आरक्षण की प्रणाली नही बदलेगी तब तक नेता लोग अपनी मनमानी करते रहेंगे और गरीबी के नाम पर वोट वसूल करते रहेंगे। अगर कोई आम आदमी किसी अगर जातिवाद करता है तो क्या गलत है ये सरकारी कानून मे भी दर्ज किया जा चुका है ये आरक्षण के नाम से फ़िर आम जन से जातिवाद ना करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। उन्होंने जोर देकर विश्वास के साथ कहा कि फ़िर देखो गरीबी और फर्जी नेतागीरी कैसे खत्म होती है। उन्होंने वर्तमान युवा पीढ़ी को आव्हान किया कि खुलकर वर्तमान जातिगत आरक्षण का विरोध अभिव्यक्ति एवं मत समर्थन से किया जाना चाहिए तभी देश की राजनीति की दिशा व दशा बदल सकती है।