सब पर चढ़ा 'छुअन का असर' , नवोदित रचनाकार सुकुमार की पुस्तक 'छुअन का असर' का विमोचन
भीलवाड़ा : राजकुमार गोयल
भीलवाड़ा क्षेत्र के साहित्यकारों का और अवसर था पुर-भीलवाड़ा के नवोदित साहित्यकार रोहित विश्नोई 'सुकुमार' की प्रथम पुस्तक 'छुअन का असर' के विमोचन समारोह का।
इस विशिष्ट समारोह में संत-सान्निध्य कोटड़ी के लालजी महाराज का रहा। मुख्यअतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार और प्रकाशक फतेहसिंह लोढ़ा, मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ साहित्यकारा रेखा लोढ़ा 'स्मित', विशिष्ट अतिथि के रूप में वरिष्ठ साहित्यकार मुरलीधर व्यास, साहित्य पत्रिका साहित्यांचल के संपादक सत्यनारायण व्यास 'मधुप' तथा सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक गोपीलाल जी बलाई थे। अध्यक्षता पूर्व अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल लाल जी दाधीच ने की।
कार्यक्रम का विधिवत प्रारंभ कवि विष्णु सांगावत ने अपनी सुमधुर वाणी में माँ सरस्वती की वंदना कर किया।
तत्पश्चात मांडलगढ़ महाविद्यालय में सहायक आचार्य सूर्यप्रकाश पारीक 'सूरज' ने सुकुमार की पुस्तक 'छुअन का असर' की टेग लाईन 'प्रेम सचमुच सहज है' की व्याख्या कर पुस्तक में प्रेम की सरल और सहज अभिव्यक्ति की प्रशंसा की।
युगीन कला साहित्य प्रवाह के संस्थापक, शिक्षा विभाग में व्याख्याता और 14 विषयों में अधिस्नात्तक योगेश दाधीच ने इस पुस्तक के तैयार होने तक का प्रक्रम बताया।
उच्च माध्यमिक विद्यालय,सांगानेर में वाणिज्य विषय के व्याख्याता रामावतार शर्मा ने पुस्तक 'छुअन का असर' में ईश्वरीय और अलौकिक प्रेम होने के दर्शन की बात कही।
मुख्य वक्ता रेखा लोढ़ा 'स्मित' ने शिल्प और साहित्य के मानक दृष्टिकोण को आधार बनाकर पुस्तक की विवेचना की तथा मुख्य अतिथि फतेहसिंह लोढ़ा ने हिंदी साहित्य में इस तरह युवा साहित्यकारों के आगे आने को प्रोत्साहित करने की बात कही।
समारोह में क्षेत्र के प्रमुख साहित्यकार श्यामसुंदर 'मधुप', सत्यनारायण 'सत्य', जयप्रकाश भाटिया, शशि ओझा, प्रभु लाल सुवालका, सुरेंद्र वैष्णव, कमल रामवानी 'सारांश', गोपाल टेलर 'अजनबी', अजीतसिंह जी 'जयदेव', ओम जी शर्मा, अनिल गहलोत, गोविंद व्यास, घनश्याम शर्मा, रामेश्वर 'रमेश, चंद्रेश टेलर, कृष्णगोपाल सेन, राजेश सेन दिनेश दाधीच और करण जांगीड़ आदि थे। साहित्यकार सतीश कुमार व्यास 'आस' द्वारा लिखित पुस्तक की भूमिका का वाचन आकांक्षा विश्नोई ने तथा लेखक-आत्मकथ्य 'और आज से कवितायें आपकी हुई' का वाचन इंजिनियरिंग विद्यार्थी अविचल विश्नोई ने किया।
पुस्तक 'छुअन का असर' सकारात्मकता, सहजता, अध्यात्मिकता एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण को जोड़ते हुए प्रेम पर आधारित है।
समारोह का संचालन साहित्यकार सतीश कुमार व्यास 'आस' तथा अक्षिता पारीक ने किया।