बिना दहेज शादी कर माली समाज ने दी अनोखी मिशाल, एक रूपया नारियल में शादी कर दुल्हन को लाए घर
माली समाज के लिए मिसाल प्रस्तुत करने वाले गोपाल लाल माली ने अपने पुत्र के विवाहोत्सव पर भी मिसाल कायम की दहेज रूपी
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बद्रीलाल माली) भीलवाड़ा निवासी एवं माली महासभा के जिलाध्यक्ष गोपाल लाल माली ने बेटे मुकेश की शादी बिना दहेज कर समाज में मिसाल पेश की है। दुल्हन पक्ष से एक रूपया नारियल लेकर पूरे समाज में एक संदेश दिया। दुल्हे के पिता गोपाल लाल माली ने शादी में हर चीज के लिए साफ मना कर दिया, यहां तक रिश्तेदारों की मिलनियां (मायरा), वस्त्र व नगद उपहार भी नहीं लिये गये। माली ने बताया कि शादियों में बदलते दौर दहेज प्रथा एक बड़ी बुराई है। इन्हीं विचारों को जीवन में अपनाते हुए वधु पक्ष व किसी भी रिश्तेदार से किसी तरह के उपहार भी नहीं लिए गये। बेटे मुकेश ने बतायाकि उसे खुशी है कि शादी बिना दहेज हुई है, आज देशभर में कही न हीं कन्याओं पर ‘‘दहेज’’ की कामना को लेकर अत्याचारा हो रहे है, हजारों लाखों घर यूंही फिजुल के दिखाओं में बर्बाद हो रहे है। वहां मौजूद समाजजन तथा शादी में आये हुए अनेक रिश्तेदार तथा आस-पास के लोगों ने भी समाज में कुरीतियों को बंद करने की इस निर्णय की काफी सराहना की गई।
बीती रात उत्सव रिसोर्ट में आयोजित अशीर्वाद समारोह सादगीपूर्ण सम्पन्न हुआ। समारोह में राज्य सभा सांसद राजेन्द्र गहलोत, राजसीकों के पूर्व चैयरमेन सुनील परिहार, स्टेट फेडरेशन आॅफ यूनेस्को के प्रदेश अध्यक्ष नेमीचंद चैपड़ा सहित समाज के कई जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों ने वर-वधु को शुभाशीष देते हुए इनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इस मौके पर गहलोत व परिहार ने माली परिवार को बधाई देते हुए कहा कि इस परिवार ने सादगी पूर्वक अपने बेटे की शादी करके समाज को एक अच्छा संदेश देने का काम किया। वर्षों पुरानी चली आ रही दहेज प्रथा पर अंकुश लगाने की एक सराहनीय पहल की है। जिसके लिए माली (बुलिवाल) परिवार बधाई का पात्र है। उन्होंने यह भी कहा कि एक जनप्रतिनिधि का दायरा समाज में बहुत बड़ा होता है। परन्तु माली परिवार ने समाज में फैल रही दहेज प्रथा जैसी कुरीति को रोकने के लिए स्वयं इसकी शुरूआत अपने परिवार से की है जिससे लोगों में दहेज प्रथा जैसी बुराई पर पाबंदी लगाने की जागरूकता लाई जा सके। उन्होंने समाज से भी आव्हान किया कि वह दहेज प्रथा का बहिष्कार करते हुए अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलवाऐ और उनके शादी ब्याह सादगी पूर्ण करके इस प्रचलन को बढ़ावा दे।
शादी विवाह समारोह में डिस्पोजल का यूज नहीं किया - मुकेश व कीर्ति के आशीर्वाद समारोह में पर्यावरण संरक्षण के लिए की गई पहल की आम जनता को पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दिया गया। इस विवाह समारोह में प्लास्टिक डिस्पोजल गिलास, कटोरी, चम्मच का इस्तेमाल नहीं करके इको फ्रेंडली शादी की गई। खास बात यह रहीं कि पीने के पानी के लिए यह पर स्टील के लोटे रखे गये थे। आम तौर पर शादी पार्टी मंे लोग पानी की बोतल, अखाद्य बर्फ डालकर ठण्ठा पानी प्लास्टिक डिस्पोजल गिलास में परोसते है। मुकेश एवं कीर्ति के आशीर्वाद समारोह में इस तरह का नया प्रयोग देखकर समाजजनों व मेहमानों ने खूब प्रशांसा की।