पंचायती राज मंत्रालय कर्मचारी संगठन के सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
पंद्रह दिवस में मंत्रालयिक कर्मचारियों के हकों पर ध्यान नहीं दिया गया तो होगा उग्र आंदोलन
कोटकासिम (अलवर,राजस्थान) बुधवार को पंचायती राज विभाग के सबसे बडे कैडर अन्याय एवं जानबूझकर अनदेखी के चलते आंदोलन हेतु उपखंड अधिकारी कोटकासिम को ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने बताया है कि 15 दिवस में मंत्रालय कर्मचारियों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो कार्मिकों द्वारा मनरेगा योजना एवं अन्य विभागीय कार्यों के बहिष्कार सहित चरणबद्ध तरीके से उग्र आंदोलन प्रारंभ किया जाएगा। संगठन राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ का एक भाग है। जिसमें समस्त विभागों के लगभग 70 हजार मंत्रालय कर्मचारियों द्वारा भी आंदोलन को समर्थन देकर शामिल होना संभव होगा।
पंचायती राज संस्थाओं में पदस्थापित मंत्रालय कर्मचारियों की वाजिब मांगो को लेकर के यह ज्ञापन दिया गया। जिसमें गृह जिले में स्थानांतरण की पॉलिसी में बदलाव, वित्त विभाग द्वारा निर्धारित नाम के अनुसार कैडर प्रतिनियुक्ति समाप्त करने हेतु, कनिष्ठ भर्ती लिपिक भर्ती 2013 के शेष पदों पर नियुक्ति, ग्राम पंचायतों में पदस्थापित कनिस्ट लिपिकों की पंचायत के लेखों में भागीदारी, राजस्व विभाग की तर्ज पर पंचायती राज संस्थाओं में मंत्रालयिक संवर्ग से राज. ग्रामीण विकास सेवा के 25 प्रतिशत पदों पर पदोन्नति हेतु कोटा फिक्स करने एवं शासन के निर्देशों के विपरीत ग्राम पंचायतों में पदस्थापित कनिष्ठ लिपिकों को एक से अधिक पंचायतों का भार नहीं दिया जाए जाने संबंधी आदि बातों को लेकर यह ज्ञापन सौंपा गया।
साथ ही इस ज्ञापन में मंत्रालय के पद कनिष्ठ सहायक की शैक्षणिक योग्यता स्नातक किए जाने एवं अनुकंपा नियुक्ति में टंकण परीक्षा की बाध्यता को हटाए जाने संबंधित बातों की तरफ ध्यान आकर्षित किया गया है। इस मौके पर ब्लॉक अध्यक्ष अनिल कुमार यादव, मंत्री सुरेंद्र कुमार निंमभोरिया, कोषाध्यक्ष दीपक शर्मा, उपाध्यक्ष तेज सिंह गुर्जर, हरिराम चौधरी, जगदीश चौधरी, सतीश, राम नारायण सैनी, रीना देवी, कोमल देवी एवं मंजू गुप्ता सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।
- रिपोर्ट- संजय बागड़ी