नेक अमल करने वाला बन्दा ही अल्लाह को पसंद
मकराना (नागौर, राजस्थान/ मोहम्मद शहजाद) नेक अमल अमल करने वाला बंदा अल्लाह को पसंद है। वही इसके विपरीत गुनाह करने वाला बंदा नासन्द। ये बात मंगलवार की देर शाम को चमनपुरा मोहल्ले में आयोजित पैगामे शोहदाए कर्बला के जलसे में मुंबई से आए खुसुशी खतीब अल्हाज मौलाना शाकिर अली नूरी अमीर सुन्नी दावते इस्लामी ने कही। उन्होंने कहा कि दुनियां आज मुसलमानों के हर तरीको को देख रही है तो क्यों न मुसलमान अपने किरदार व अमल को इस्लामी बनाए। इस्लामी अमल अपनाते हुए एक दूसरे की मदद करना ही सच्चे मुसलमान की पहचान है। अच्छी जिंदगी के लिए अल्लाह व रसूल की फरमा बरदारी करें। अल्लाह के वालियों की जिन्दगी को अपना आइडियल बनाकर जिंदगी गुजारे।
जलसे में मेहमाने खुसुशी के तौर पर मालेगांव से तशरीफ़ लाए मौलाना सय्यद अमीनुल कादरी ने कर्बला के मैदान में इमाम हुसैन की शहादत को तफसील से बयां किया। तकरीर के दौरान मौलाना ने कहा कि सूद (ब्याज) लेना और देना दोनों हराम है। सूद खाने वाले कि दुआ अल्लाह कबूल नही करता। हुसैन आली मकाम ने तीन दिन तक सब्र का इम्तेहान दिया। कर्बला का वाक्या सब्र का पैगाम देने वाला है। जलसे में मौलाना शाकिर अली इमाम रजा मस्जिद ने सदारत की वहीं सुन्नी जामा मस्जिद के इमाम मौलाना शमशुद्दीन कादरी ने सरपरस्ती की। जलसे की निजामत रज्जाकिया मस्जिद के इमाम मौलाना शाहरुख़ रजवी ने की।