ठोस कचरा प्रबंधन की योजना सिर्फ फाइलों तक सिमटी, 14 लाख रूपए की कंपोस्ट मशीनें डेढ़ वर्ष से फांक रही धूल
डीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) गीले कचरे से खाद बनाने के उद्देश्य से 14 लाख रुपये की लॉगत से खरीदी गई दो कंपोस्ट मशीन नगर पालिका प्रशासन की अनदेखी के चलते डेढ़ वर्ष से बिना उपयोग के पड़ी धूल फांक रही हैं। जबकि पालिका के अधिकारी इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने में लगे हुए हैं।
करीब डेढ़ बर्ष पहले पॉलिका गीले कचरे से कंपोस्ट खाद बनाने के लिए 14 लाख रूपए की लागत से दो कंपोस्ट मशीनें खरीदी गई थी जिनका आज तक कोई उपयोग नहीं किया गया है हालत यह है कि दोनों दोनों कंपोस्ट मशीन पॉलिका के स्टोर में पड़ी केवल शो पीस बन कर रह गई है।
पॉलिका प्रशासन के इस रवैये से जाहिर हो रहा है की ड़ीग में ठोस कचरा प्रबंधन की मंजिल अभी बहुत दूर है। ठोस कचरा प्रबंधन प्लांट के लिए पालिका के पास अभी कोई प्लान नहीं है। पॉलिका के सफाई कर्मी द्वारा समूचे कस्बे से प्रतिदिन ले जाकर मालीपुरा रोड पर सड़क के किनारे डाला जा रहा है। जिससे उस क्षेत्र में कचरे के अंबार लग गए हैं। जिससे उठने वाली दुर्गंध के कारण क्षेत्र के लोगों का बुरा हाल हो रहा है। वही इस रोड से गुजरने वालों को दुर्गंध से बचने के लिये खेतो पर और मालीपुरा जाने वाले लोगो अपने मुंह पर कपड़ा रख कर निकलना पड़ रहा है ।
ठोस कचरा प्रबंधन की बात की जाए तो कस्बे हाल बेहाल है ।सडको पर जगह जगह कूडे के ढेर लगे नजर आते हैं। डपिंग यार्ड के लिए जमीन निर्धारित किये लंबा समय गुजर चुका है । लेकिन अपनी ही जमीन के उपयोग और कब्जे में लेने के लिए स्वंय नगर पालिका प्रशासन जद्दोजहद में है।
कस्बे में नाले - नालियो की सफाई और कूड़े का उठाव करके उसके निस्तारण के मामले में पालिका प्रशासन के पास ना तो कोई व्यवस्थित योजना है और ना ही उसे क्रियान्वित करने की इच्छा शक्ति है। जबकि राज्य सरकार ने सभी नगर निकायों में ठोस कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान ध्यान दे रही है।
- कंपोस्ट मशीनों के जरिए ऑर्गेनिक कचरे से बनना था खाद -
कंपोस्ट मशीनों से सब्जी मंडी से घर होटल आदि से निकलने वाले फल-फूल, खाद्य पदार्थों के ऑर्गेनिक कचरे से खाद बनाया जाना था। इन दोनों कंपोस्ट मशीनो को क़स्बे के गोवर्धन दरवाजा स्थित दमकल कार्यालय के पास वाली जमीन पर स्थापित कर इनसे प्रतिदिन करीब एक हजार किलोग्राम गीले कचरे की कंपोस्ट बनाई जानी थी।
- खेती के लिए उपयोगी है ये खाद -
करीब दो बर्ष पहले 14 लाख रूपए की लागत से खरीदी गई इन कंपोस्ट मशीनों का यदि पालिका ने सही ढंग से उपयोग किया होता तो इनसे तैयार की जाने वाली खाद को नेहरू पार्क ,जलमहलों के पार्कों और खेती के लिए उपयोग में लिया जा सकता था। जिससे कचरे का तो सदुपयोग होता ही साथ ही कस्बे में फैली गंदगी से भी निजात मिलती।
- 100 किलो गीला कचरा निकलता है तो उसे स्वंय लगानी होगी मशीन -
स्वातत्य शासन विभाग के अनुसार किसी मैरिज होम, सब्जी मण्डी, रेस्टोरेंट आदि से यदि एक दिन में 100 किलो या उससे अधिक गीला कचरा निकल रहा है तो उन्हें उस कचरे के निस्तारण के लिए स्वंय के खर्चे पर अपने यंहा कंपोस्ट मशीन होगी। साथ ही ऐसे घर व संस्थानों से निकलने वाले सूखे व गीले कचरे को अलग-अलग डस्टबिनों में एकत्रित कर नगर पालिका के कचरा वाहनो में डाला जाएगा। जिससे कचरे का सही ढंग से निस्तारण हो सके।
- निरंजन लाल टकसालिया (पॉलिका अध्यक्ष ड़ीग) का कहना है कि:- "पालिका द्वारा दो कंपोस्ट मशीने मेरे कार्यकाल शुरू होने से पहले खरीदी गई है। इनको शीघ्र स्थापित करा कर शुरू कराया जाएगा"