तालाब ने निगले 5 चिराग, तालाब में डूबने से पांच बच्चों की मौत
मंगलवाड़ (चित्तौड़गढ़,राजस्थान/ बृजेश शर्मा) चित्तौड़गढ़ जिले के मंगलवाड़ क्षेत्र में रविवार को तालाब में नहाने गए पांच बच्चों की डूबने से मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन व पुलिस के उच्चाधिकारी भी मौके पर पहुंचे। प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियों ने बच्चों के परिजनों को ढांढस बंधाया।
सूत्रों के हवाले से राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के मंगलवाड़ क्षेत्र में रविवार को तालाब में नहाने गए पांच बच्चों की डूबने से मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन व पुलिस के उच्चाधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
चित्तौड़गढ़ जिले के मंगलवाड़ क्षेत्र के एक तालाब में आठ बच्चे नहाने के लिए रविवार सुबह निकले थे। जिनमें से दो बच्चे तालाब में नहीं उतरे, मंगलवाड़ निवासी सूरज (12) पुत्र राजेश ढोली का पैर स्लिप हुआ तो वह बाहर निकल गया। मंगलवाड़ निवासी भावेश (10) पुत्र नारायण लाल मेघवाल, चंद्रशेखर (12) पुत्र ओम प्रकाश ढोली, सुमित (12) पुत्र भैरूलाल, प्रिंस (8) पुत्र विष्णु और इंदौरा निवासी हरीश (8) पुत्र सत्यनारायण तालाब में नहाने के लिए उतर गए। उनके पानी में डूबने पर उनके साथी बच्चे घबरा गए और गांव के अन्य लोगों को इसकी जानकारी दी। जिस पर ग्रामीण दौड़कर आए और पांचों डूबे बच्चों को बाहर निकाला।
सभी को मंगलवाड़ के राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने सभी के मृत होने की पुष्टि की। हादसे की सूचना जैसे ही अन्य ग्रामीण और बच्चों के परिजनों को लगी तो वह दौड़कर अस्पताल पहुंचे। पांच बच्चों की मृत देह देखकर उनके परिवार के सदस्य ही नहीं, बल्कि गांव के लोगों के आंखों में आंसू आ गए। चीख व पुकारते परिजनों को अन्य ग्रामीणों ने संभाला। इसी बीच, सूचना मिलते ही पुलिस उप अधीक्षक आशीष कुमार, मंगलवाड़ थानाधिकारी
: हरेंद्र सिंह सोढा के अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिम्मत सिंह देवल भी मौके पर पहुंच गए। विधायक ललित ओस्तवाल को भी इसकी जानकारी मिली तो वह भी वहां आ गए थे। प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारियों ने बच्चों के परिजनों को ढांढस बंधाया और बाद में सभी घटनास्थल की ओर रवाना हुए। विधायक ललित ओस्तवाल ने ग्रामीणों को बताया कि वह राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता दिलाने की कोशिश करेंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों हुई तेज बारिश के चलते मंगलवाड़ क्षेत्र के ज्यादातर जलाशय और तालाब ओवरफ्लो हो चुके थे। बच्चे जिस तालाब में नहा रहे थे, संभवत: उसकी गहराई के बारे में अनभिज्ञ थे। मिट्टी के चिकना होने से वह तालाब में उतरते ही गहराई की ओर फिसल गए और डूबने से उनकी मौत हो गई।