विद्यार्थियों को भौतिक शिक्षा के साथ नैतिक शिक्षा भी जरूरी - कुमार
शाहपुरा के गांधीपुरी स्थित ब्रकु. सेंटर पर शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित
शाहपुरा (भीलवाड़ा, राजस्थान/ बृजेश शर्मा) शाहपुरा के गांधीपुरी स्थित प्रजापति ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सेवा केंद्र के तत्वावधान में रविवार को षिक्षक दिवस के मौके पर शिक्षकों की विचार गोष्ठी व षिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें माउंट आबू से आए राजयोगी ब्रह्मा कुमार भगवान भाई ने कहा कि शिक्षक समाज के शिल्पी होते हैं। वर्तमान समाज के छात्र भावी समाज है। इसलिए छात्रों को भौतिक शिक्षा के साथ-साथ नैतिक शिक्षा देना भी अति आवश्यक है। जिससे बेहतर समाज का निर्माण होगा। आज समाज में सुधार की अत्यधिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के संस्कार को छात्र अनुशरण करते हैं। शिक्षकों को केवल शिक्षक ही नही बल्कि श्रेष्ठ मार्गदर्शन देने वाला शिक्षक बनना है।
शाहपुरा केंद्र प्रभारी ब्र.कु. संगीता बहन, सेवानिवृत जिला षिक्षा अधिकारी षिवप्रकाष सोमानी, शंकरलाल जोषी, जयदेव जोषी, ओमप्रकाष मूंदड़ा, राहुल कुमार, राधेष्याम जीनगर, पूर्व बेंक मेनेजर अखिल व्यास की मौजूदगी में आयोजित कार्यक्रम में षिक्षकों का सम्मान किया गया।
राजयोगी ब्रह्मा कुमार भगवान भाई ने कहा कि पूर्व के समय में स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, राधाकृष्णन जैसे शिक्षक थे। हमें आज फिर बच्चों को नैतिकता का पाठ उन्हें चरित्रवान, दिव्य, प्रतिभावान और संस्कारवान बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एक आदर्श शिक्षक ही समाज का निर्माण कर सकता है।
राजयोगी ब्रह्मा कुमार भगवान भाई ने व्यक्तिगत मूल्य हमारी जरूरतों, इच्छाओं और हमारे जीवन में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। मूल्य हमारी पहचान के लिए महान संयोजक ताकत हैं और उन निर्णय लेने के लिए मार्गदर्शक के रूप में माना जा सकता है जो हमारे वास्तविक खुद से जुड़ने में हमारी सहायता करता है। अपने मूल्यों को परिभाषित करने में आपको यह पता करने में सहायता मिलेगी कि क्या करना है और क्या बचने के लिए। आप एक मजबूत आंतरिक कंपास के साथ जीवन के माध्यम से जाना होगा। इसके अलावा, निजी मानदंडों की अनुस्मारक के रूप में सेवा की जा सकती है कि आप जटिल परिस्थितियों में क्या अनुमान लगाते हैं जहां किसी और के मानकों के अनुसार कार्य करने के लिए आपको दबाव डाला जा सकता है। इस तरह, अपने व्यक्तिगत मूल्यों को जानने से आप अपने जीवन में प्रगति के रूप में अपने आप को सच रहने में सहायता करेंगे।
शाहपुरा केंद्र प्रभारी ब्र.कु. संगीता बहन ने कहा कि एक दीपक से पूरा कमरा प्रकाशित होता है। आज मूल्य निष्ठ शिक्षा से पूरे जिले को शिक्षित कर सकते हैं। अंत में सभी प्रशिक्षु शिक्षकों को राजयोग का अभ्यास कराया गया व प्रसाद का वितरण किया गया।