ब्रज के वन- उपवन एवं पर्वतों का संरक्षण व संवर्धन ही श्रीकृष्ण की सच्ची सेवा- संत रमेश बाबा
मंगलवार से भागवत कथा के माध्यम से आंदोलन को दी जाएगी धार, 700 से अधिक सक्रिय सदस्य बनाए सदस्यों की संख्या पहुची 10 हजार के पार
ड़ीग (भरतपुर, राजस्थान/ पदम जैन) कनकाचल व आदिबद्री पर्वत पर हो रहे विनाशकारी खनन के बिरोध में ड़ीग के गांव पसोपा में जारी धरने 227 वे दिन जन्माष्टमी के पर्व पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा और आराधना कर श्यामा देवी फूलवती देवी शांति देवी सोना देवी और रेशम देवी नामक महिलाएं क्रमिक अनशन पर बैठी। ब्रज के विरक्त संत रमेश बाबा ने जन्माष्टमी के पावन पर्व पर ब्रज वासियो को संदेश दिया कि श्रीकृष्ण की सच्ची सेवा ब्रजभूमि, ब्रज की पौराणिक संपदा व संस्कृति का संरक्षण व संवर्धन ही है ।
उन्होंने बरसाना स्थित मान मंदिर में बड़ी संख्या में उपस्थित आंदोलनकारी, साधु संतों व भक्तों को संबोधित करते हुए बताया कि कृष्ण ने अपनी समस्त लीलाएं ब्रज के वनों, पर्वतों, जलाशयों के निकट, यमुना पुलिन पर ही सम्पादित की है। इसी लिए ब्रज के यह पर्वत व प्राकृतिक संपदा आज भी उन्हीं के रूप में पूजी जाती है। उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी के पर्व पर हम सब को यह संकल्प लेना चाहिए यह जीवन श्रीकृष्ण की वास्तविक आराधना करते हुए सदैव ब्रजभूमि व ब्रज की संस्कृति, ब्रज के वन, उपवन पर्वतों, यमुना नदी आदि इन सभी की सेवा, संरक्षण व संवर्धन में ही व्यतीत हो एवं इनके रक्षण के लिए हमें सदैव तत्पर रहना चाहिए। उन्होंने उपस्थित आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि कनकाचल व आदिबद्री पर्वतों का संरक्षण व संवर्धन तो अब अवश्यंभावी है। क्योंकि यह साक्षात कृष्ण के स्वरूप है और अब शीघ्र ही कृष्ण कृपा और सब लोगों की प्रार्थना से दोनों पर्वतों को खनन मुक्त कराने का मार्ग शीघ्र ही प्रशस्त होगा । जन्माष्टमी के पावन अवसर पर आदिबद्री धाम में आयोजित विशाल जनसभा व मेले में आए ब्रजवासियों को संबोधित करते हुए महंत शिवरामदास एवं राधा कांत शास्त्री ने कहा कि आज ब्रज भूमि को ब्रज वासियों की सहयोग की आवश्यकता है एवं ब्रज के पर्वतों को खनन मुक्त व संरक्षित कराने के लिए चल रहे आंदोलन में सभी ब्रजवासियों को पूरी शक्ति व सक्रियता से सहयोग करते हुए दोनों पर्वतों के रक्षण के इस यज्ञ में अपना योगदान देना चाहिए। यही आज कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर उनकी श्री कृष्ण के प्रति सच्ची पूजा अर्चना होगी।
आंदोलन के सक्रिय सदस्यता अभियान के संयोजक ब्रजकिशोर बाबा ने आदिबद्री में लोगों को प्रेरित कर 700 से अधिक लोगो को सक्रिय सदस्यों बनाकर आंदोलन से जोड़ा।
पसोपा धरना स्थल पर मंगलवार से आयोजित होने वाली अनुष्ठानात्मक भागवत कथा ज्ञान यज्ञ को लेकर सोमवार को धरना स्थल पर महत्वपूर्ण बैठक की गई जिसमें इसके आयोजन को लेकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया । जिसमे मंगलवार को प्रातः11बजे बड़ी संख्या में पसोपा व आसपास के गांवों की महिलाओं द्वारा कलश यात्रा निकाली जाएगी । आंदोनकारियों द्वारा सात दिवसीय इस भागवत कथा के माध्यम से आंदोलन को धार दी जायेगी । इस अवसर पर सैकड़ों ग्राम वासियों व साधु-संतों के अलावा साध्वी गौरी, साध्वी मधुबनी, साध्वी प्रतीक्षा, साध्वी दया, ब्रजकिशोर बाबा, गौरांग दास, कृष्ण चैतन्य, मुकेश शर्मा आदि लोग मोजूद थे। एक अन्य कार्यक्रम में गोपी गुर्जर ने ग्राम बरोली डहर में सोमवार को एक बड़ी सभा को संबोधित करते हुए आदिबद्री व कनकाचल पर्वत को खनन मुक्त कराने की मुहिम को हर बृजवासी का व कृष्ण भक्तों का परम कर्तव्य बताते हुए बड़ी संख्या में वहां उपस्थित लोगों को आंदोलन की सक्रिय सदस्यता ग्रहण कराई ।