अतिक्रमण से बिगड़ा खैरथल कस्बे का स्वरुप
खैरथल अलवर
खैरथल अतिक्रमण के कारण कस्बे का स्वरूप बिगड़ा हुआ है। अतिक्रमण के कारण लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं सरकारी महकमे जानकर भी अनजान बने बैठे हैं।स्थानिय राजनीति के दखल के बदौलत कस्बे में करोड़ों रुपए की सरकारी भूमि पर कब्जा हो गया है। शायद खैरथल में ऐसा कोई कोना अछूता नहीं रहा होगा जो अतिक्रमण की चपेट में नहीं आया हो। कस्बे में सबसे विकराल स्थिति खैरथल कस्बे की मुख्य सड़क शनि मंदिर से गुप्ता नर्सिंग होम होते हुए अंबेडकर सर्किल तक की है। इस मार्ग के दोनों तरफ अवैध रूप से बाजार बन गए हैं। लोगों ने टैंट हाऊस की मेजे व शामियाने लगाकर सरकारी भूमि पर काबिज हो गए हैं।गंदे नाले के पास अतिक्रमण करने वालों ने बड़े-बड़े खोखे लगा दिए।शनि मंदिर के पास लगभग दो दर्जन खोमचे वाले लोगों ने सड़क की दुर्दशा कर दी है।आधे रास्ते पर दुपहिया वाहनों का जमावड़ा लगा रहता है। जिससे अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है।अनेक बार सीएलजी की बैठकों में इस मार्ग पर बने अवैध टैक्सी स्टैंड को हटाने की मांग करने के बावजूद बेतरतीब तरीके से खड़े रहने वाले चौपहिया वाहनों के कारण परेशानी का कारण बना रहता है।
कस्बे के रेलवे फाटक से हेमू कालानी चौक तक सब्जी मंडी की साइड में दुकानों के सामने बने चबूतरों को तोड़ा गया लेकिन सामने वाली लाइन पर नगरपालिका प्रशासन ने आंख उठाकर नहीं देखा। अतिक्रमण की मार से सब्जी मंडी भी अछूती नहीं है। सब्जी विक्रेता अपनी सारी सब्जियों के ढेर को आम सड़क पर फैला कर रखते हैं। पूर्व में जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर यातायात पुलिस के जवानों की नियुक्ति की गई थी लेकिन थोड़े समय के अंतराल के बाद उन्हें हटा दिया गया। ज्यादा विकट समस्या होने पर स्थानिय पुलिस की मदद से जाम खुलवाया जाता है। कस्बे के कई प्रबुद्ध लोगों ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर कस्बे में अतिक्रमण की समस्या पर ध्यान केंद्रित कराया है।
हीरालाल भूरानी: