ग्रामीण बोले हे प्रभो दया करो कोरोना महामारी में ताउ-ते चक्रवात
हलैना (भरतपुर, राजस्थान/ रामचन्द सैनी) धरती का इंसान बोला हे प्रभो दया करो कोरोना महामारी में ताउदे चक्रवात,इंसान के जीवन की रक्षा करो,ऐसी क्या गलती हो गई,आए दिन अनेक प्रकार की महामारी व प्रकृति के प्रकोप आ रहे है,जो रूकने का नाम तक नही ले रहे। इंसान के मुख से दर्द भरी व्यथा सुनते ही आंख से आंसू झलक आते है। महामारी व प्रकोप से मानव जीवन सुरक्षा के लिए सरकार, प्रशासन एवं एनजीओ लगी हुई और वैज्ञानिक भी। राजस्थान सरकार ने कोरोना महामारी को मददेनजर रख राज्य में कोविड प्रोटोकाॅल जारी किए हुए है, केन्द्र व राज्य सरकार मानव जीवन सुरक्षा के लिए कोविड वैक्सीनेशन करा रही है, जिसके तहत 18 से 45 आयु के युवाओं प्रथम डोज तथा 45 से अधिक आयु के प्रथम व द्वितीय वैक्सीन की डोज लगाई जा रही है। दूसरी ओर कोरोना महामारी काल में ताउदे च्रकवात ने भारत के कई राज्य चपेट में ले रहे है ,जिसने केरल ,गोआ ,महाराष्ट्र, गुजरात के बाद राजस्थान में दस्तक दे डाली , ताउते चक्रवात से जन व धन की हानि हो रही है और पेयजल व बिजली आपूर्ति प्रभावित हो रही है। कोरोना महामारी के साथ-साथ सरकार व प्रशासन आमजन के जीवन को लेकर चिन्तित है,जो आमजन को कष्ट की घडी में घर के अन्दर सुरक्षित रहने एवं ताउदे चक्रवात से भयभीत ना होकर उसका धैर्य से सामना करने की अपील कर रहा है। गांव सीता निवासी राधादेवी ने बताया कि कोरोना महामारी से जीवन बचाने के लिए साल 2020 से आत तक सामना कर रहे है,कोविड बचाव की वैक्सीन की प्रथम व द्वितीय डोज भी लगवा ली,राज्य में चल रहे कोविड प्रोटोकाॅल की पालना कर रहे है,अब ये ताउदे तूफान कहां से आ गया,प्रकृति धरती के लोगों से क्यू नाराज है और कब तक रहेगी। ताउदे तूफान से पशु पालक एवं गरीब लोगों का भारी नुकसान हो सकता है। तूफान से घर की छत पर डले छप्पर के उडने का डर है,जिन्हे सभांलने में लगे हुए है। कस्वा वैर निवासी पूरन माली ने बताया कि खेत पर बने पशुवाडा के छप्पर को गाडी से घर ले आए,जिससे तूफान में उड नही जाए।
गृह रक्षा व नागरिक सुरक्षा एवं कृषि राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि कोरोना महामारी काल में आए ताउदे चक्रवात के समय घर के अन्दर एवं सुरक्षित स्थान पर ठहराव करे और धैर्य से काम ले। ताउदे चक्रवात पर सरकार व प्रशासन नजर बनाए हुए,जिसमें आमजन के सहयोग की आवश्यकता है। जिला व उपखण्ड स्तरीय प्रशासन को ताउदे चक्रवात के आमजन का सहयोग करने के आवश्यक निर्देश जारी किए गए है।
जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने कहा कि जिले में ताउ-ते चक्रवात आने की सम्भावना को मद्देनजर रखते हुए आमजन से अपील करते हुए कहा कि ताउदे के समय धैर्य व हिम्मत से काम लेकर प्रशासन का सहयोग करे और घरों में रह कर सुरक्षित रहे। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सभी तैयारियों पूर्ण कर ली गयी हैं। उन्होंने बताया कि जिले में चक्रवात की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए जिले के समस्त चिकित्सा संस्थानों एवं कोविड केयर सेंटरों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति की व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर ली गयी हैं इसके लिए विद्युत विभाग के कनिष्ठ अभियंताओं से निर्बाध विद्युत आपूर्ति के सम्बंध में प्रमाण पत्र भी ले लिया गया है जिससे कोरोना संक्रमित रोगियों को कंसन्ट्रेटर द्वारा दी जाने वाली आॅक्सीजन आपूर्ति बाधित न हो सके। इसके साथ ही आॅक्सीजन सिलेण्डरों की पर्याप्त व्यवस्था चिकित्सा संस्थानों एवं कोविड केयर सेंटरों में कर दी गयी है जिससे कि आपात स्थिति में कनसंट्रेटर के स्थान पर रोगियों को सिलेण्डरों से आॅक्सीजन दी जा सके। उन्होंने बताया कि जिले में आपदा प्रबंधन के तहत आॅक्सीजन का वफर स्टाॅक आरक्षित कर टेंक को क्षमतानुसार भरवा लिया गया है जिससे दो दिवस की आॅक्सीजन आपूर्ति सम्भव हो सकेगी। उन्होंने कहा कि समस्त चिकित्सा संस्थान प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि वे डीजल जनरेटर सेटों को निर्बाध संचालन के लिए पर्याप्त मात्रा में डीजल का भण्डारण रखें। उन्होंने कहा कि भरतपुर जिले के लिए अलवर एवं भिवाडी से प्राप्त होने वाली आॅक्सीजन सप्लाई के रूट नगर-डीग-कुम्हेर-भरतपुर मार्ग को ग्रीन कोरिडोर बनाया गया है, ये मार्ग अवरूद्ध न हो इसकी व्यवस्था के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग एवं पुलिस विभाग सहित राजस्व अधिकारियों को भी निर्देश दिये गये हैं। जिला कलक्टर गुप्ता ने कहा कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चक्रवात के दौरान होने वाले हादसों की तत्काल सूचना कंट्रोल रूम पर देने के लिए नगर पालिकाओं के अधिशाषी अधिकारियों एवं ग्रामीण क्षेत्र के लिए विकास अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं इसके साथ ही पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी एवं गिरदावरों को अपने मुख्यालय पर रहने के लिए पाबंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि चक्रवात के दौरान होने वाली घटनाओं की जानकारी देने के लिए त्रिस्तरीय व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है जिसमें क्षेत्रीय कंट्रोल रूम, पुलिस विभाग के कंट्रोल रूम के साथ ही सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त होने वाली सूचनाओं पर तत्काल कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि चक्रवात के समय लोगों के घरों में रहने से कोविड-19 के संक्रमण की चेन को तोड़ने में भी सहयोग मिलेगा। उन्होंने आमजन से अपील की है कि चक्रवात की सम्भावना को देखते हुए वे अपने घरों में ही सुरक्षित रहें। उन्होंने पशुपालकों से भी आग्रह किया है कि वे अपने पशुओं को ऐसे स्थान पर रखें जो सुरक्षित हो, जिससे जान एवं माल का खतरा न रहे।
जिला पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र विश्नोई ने कहा कि विभाग द्वारा समस्त पुलिसकर्मियों के साथ ही डीक्यूआरटी, होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा, सर्च एवं रेस्क्यू टीमों को संसाधन के साथ तैयार रहने तथा राज्य आपदा प्रतिसाद बल (एस०डी०आर०एफ०) एवं एनडीआरएफ से भी समन्वय स्थापित रखकर संसाधनों के साथ रेड अलर्ट मोड पर चक्रवात से उत्पन्न होने वाली परिस्थिति से निपटने हेतु तैयार रखा गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग द्वारा आपदा से बचाव के उपकरणों की जांच कर ली गयी है एवं आवश्यकतानुसार अन्य विभागों से भी समन्वय के साथ आपदा के समय बचाव एवं राहत कार्य की कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है। अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा, पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के उप महानिरीक्षक उत्तम सिंह मदेरणा, कोविड कंट्रोल रूम के प्रभारी संजय शर्मा सहित मीडियाकर्मी मौजूद रहे।
सम्भावित ताउ-ते चक्रवात की चेतावनी को मद्देनजर रखते हुए जिले में कार्यरत समस्त फील्ड स्टाफ को अग्रिम आदेशों तक अपना मुख्यालय नहीं छोडने के निर्देश दिये हैं। आदेशों के तहत समस्त पटवारी, गिरदावर, ग्राम विकास अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षक, आंगनबाडी कार्यकर्ता, एएनएम को निर्देशित किया है कि वे अग्रिम आदेशों तक अपना मुख्यालय नहीं छोडें एवं क्षेत्र में होने वाली किसी भी अप्रिय घटना की तत्काल सूचना सम्बंधित उपखण्ड अधिकारी एवं जिला कलक्टर कार्यालय में भिजवाया जाना सुनिश्चित करें।