तिलक व पुष्प-गुच्छ से नेहरू युवा केन्द्र के युवाओं ने किया शिक्षकों का वंदन- अभिनंदन
रायपुर (भीलवाड़ा, राजस्थान), शिक्षकों के प्रति श्रद्धा भाव रखकर ही ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। जैसा कि कहा गया है "श्रद्धावान् लभते ज्ञानम्" उक्त विचार वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक रामसहाय माली ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कोशीथल के प्रार्थना सभागार में नेहरू युवा केन्द्र द्वारा आयोजित "शिक्षक दिवस" पर मुख्य वक्ता पद से व्यक्त किए। पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी भेरूलाल बलाई ने कहा कि हमें शिक्षक के शिक्षकत्व को प्रकट करते हुए शिष्यों को तैयार करना है। वरिष्ठ अध्यापक रमेशचंद्र वैष्णव ने कहा कि शिक्षक "असतो मा सद्गमय। तमसो मा ज्योतिर्गमय। मृत्योर्मा अमृतं गमय" के मार्ग पर चलें। नेहरू युवा केंद्र द्वारा समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं का तिलक लगाकर व पुष्प गुच्छ देकर वंदन-अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर प्राध्यापक प्रतिभा तिवारी, सत्यनारायण गुर्जर,ममता जीनगर, जसवंतसिंह चौधरी, वरिष्ठ अध्यापक रमेशचंद्र वैष्णव,लक्ष्मण सिंह शेखावत, कंचन सोनगरा, आशा जीनगर, सुमित्रा शर्मा आदि उपस्थित थे। "भारत माता की जय..." " वंदे मातरम..." के गगनभेदी जय घोष के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।