सरसों खरीद में बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं होने से किसानों के बिलो में उठा संकट
सरकार के निर्देशानुसार किसान का यदि बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं होने से बिल नहीं बन पाया तो किसान को फसल वापिस दी जाएगी । जबकि गेंहू खरीद में अंगूठा निशानी अनिवार्य नहीं है जबकि सरकार द्वारा शुरू से एक ही नियम लागू रखना था।
रामगढ़ अलवर
कोरोना महामारी के संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिये बायोमैट्रिक सत्यापन से होने वाले पंजीयन में परिवर्तन कर इसे ओटीपी के माध्यम से किया गया
किसान अपना रजिस्ट्रेशन करवा रहे है उन्हें स्वयं ई.मित्र केन्द्र पर जाना होगा और अपना अभिप्रमाणन करवाना होगा। उसके बाद ही किसान का रजिस्ट्रेशन संभव होगा।
लेकिन समस्या तब खड़ी हो गई जब किसान की फसल खरीदने के बाद बिल बनाते समय बायोमैट्रिक सत्यापन अनिवार्य किया गया।
ऐसा ही एक मामला आज खरीद केंद्र क्रय विक्रय रामगढ़ पर आया। किसान दलीप यादव का रजिस्ट्रेशन तो जरिए ओटीपी हुआ लेकिन अब बिल बनाते समय बायोमैट्रिक सत्यापन नहीं होने से किसान का बिल नहीं बन पाया।
क्रय विक्रय सहकारी समिति के चेयरमैन पूरण चौधरी ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार किसान का यदि बायोमैट्रिक सत्यापन नहीं आने से बिल नहीं बन पाया तो किसान को फसल वापिस दी जाएगी । जबकि गेंहू खरीद में अंगूठा निशानी अनिवार्य नहीं है जबकि सरकार द्वारा शुरू से एक ही नियम लागू रखना था।
जिससे किसानों के सामने यह संकट खडा हो गया है। इससे पूर्व अनेक किसानों को ओटीपी अनिवार्य होने से मोबाइल नं आधार के साथ नहीं जुडा होने के कारण रजिस्ट्रेशन कराने से वंचित होना पड़ा है।
इस बारे में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य बलराम यादव ने इस समस्या से निदान दिलाने के बारे में मुख्य मंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को मेल भेजा है।
रामगढ़ से राधेश्याम गेरा की रिपोर्ट