आजादी के नायकों के विचार जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता - शर्मा
रामगढ़ (अलवर,राजस्थान/ अमित भारद्वाज) महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति की ओर से देश के क्रांतिकारी एवं महान सपूतों को याद कर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई! इस अवसर पर जिला सह संयोजक हिमांशु शर्मा ने कहा कि देश के महान स्वतंत्रता सेनानी राजगुरु, सुखदेव और शहीद भगत सिंह जिन्होंने ब्रिटिश सरकार की चुले हिला कर रख दी थींऔर गोरों को भारत छोड़ने पर मजबूर किया! लेकिन ऐसे महान क्रांतिकारियों को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन के आदेश से गठित एक विशेष ट्रिब्यूनल ने आज के दिन 7 अक्टूबर 1930 को आजादी की मांग करने पर फांसी की सजा सुनाई गई!
तीनों वीर सपूतों को 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल में ही फांसी दे दी गई! और हमारे वीर सपूत इंकलाब जिंदाबाद के नारे के साथ हंसते हंसते फंदे से झूल गए! जबकि फांसी की सजा की तारीख 24 मार्च तय की गई थी! लेकिन ब्रिटिश सरकार हमारे क्रांतिकारियों से इतना डर गई थी कि उन्हें नियत समय से 11 घंटे पहले ही फांसी दे दी गई!आज हम सभी आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत हमारी युवा पीढ़ी और जन जन तक महात्मा गांधी एवं आजादी के महान क्रांतिकारी नायकों के बारे में उनके विचार पहुंचाने की महती आवश्यकता है!आज महान क्रांतिकारी सेनानियों के लिए गांधी कार्यकर्ताओं ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें याद किया! इस अवसर पर मुख्य रूप से केजी गुप्ता, राजेश गुप्ता, राजेंद्र जैन, नाहर सिंह गुर्जर, सत्यनारायण सिंह,विष्णु सिंह, बबली भाई, भूपेश पवार,ओमप्रकाश सोलंकी, ओमप्रकाश अरोड़ा, धर्मेंद्र, अतुल नाथ योगी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे!