भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ चेटीचंड महोत्सव का आगाज
खैरथल,अलवर (हीरा लाल भूरानी)
सात दिवसीय चेटीचंड महोत्सव के तहत कस्बे के आनंद नगर कॉलोनी से प्रातः11 बजे विशाल कलश यात्रा निकाली गई। बाबा शीतलदास लालवानी द्वारा कलशों की विधिवत् पूजा अर्चना करवाकर कलश यात्रा को रवाना किया गया। कलश यात्रा झूलेलाल मंदिर परिसर से शुरू होकर किशनगढ़बास रोड, मुख्य बाजार, अग्रसेन सर्किल, 40 फुटा रोड,होती हुई झूलेलाल मंदिर पहुंची। कलश यात्रा के दौरान पूज्य सिंधी पंचायत खैरथल अध्यक्ष मुखी मनोहरलाल रोघा एवं चेटीचंड मेला कमेटी अध्यक्ष ओमप्रकाश रोघा के नेतृत्व में सैकडो महिलाएं विभिन्न परिधानों में सजकर सिर पर कलश लिए मगंल गीत गाती हुई चल रही थी। कलश यात्रा का अनेक स्थानो पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।इसके पश्चात पूज्य सिन्धी पंचायत एवं भारतीय सिंधु सभा की ओर से आयोजित प्रतिभावान सम्मान समारोह में जिन्होंने अंतिम कक्षा 2022 में उत्तीर्ण विद्यार्थियों के कक्षा 8 से स्नातकोत्तर तक व व्यवसायिक शिक्षा जैसे एमबीबीएस, एमबीए,सीए एमसीए, एमफिल,पीएचडी, बीफार्मा, बीफार्मा,बीएड,एसटीसी, पोलिटेकनिक, एवं नर्सिंग, में अंतिम वर्ष उत्तीर्ण, छात्र छात्राओं और मार्च 2022 के पश्चात् राजकीय सेवा में चयनित प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया।
इस अवसर बाबा दयालदास प्रदनानी, व्यस्थापक अर्जुनदास बाबानी, गोविंद रोघा, धर्मदास बच्चानी,महेश आडतानी, पूज्य सिंधी पंचायत खैरथल के वरिष्ठ प्रवक्ता हीरा लाल भूरानी, सिंधी पत्रकार एवं ब्लागर प्रमोद केवलानी सेवक लालवानी,पीकू आडतानी,प्रताप कटहरा, पार्षद जाजन मुलानी,अशोक महलवानी, नामदेव रामानी, तुलसीदास भूरानी, बाबूलाल गोरवानी, मंनू मंघवानी,राजा मंगलानी, बोनी जयवानी, रूपचंद भारती, नत्थूमल रामनानी, बूलचंद मानवानी, चतर ज्ञानवानी,पीकू लालवानी, राहुल केवलानी, विष्णु लालवानी ने व्यवस्थाओं को बनाये रखा। महोत्सव के शानदार आयोजन के लिए सभी चौराहों समेत बाजारों में आकर्षक लाइट डेकोरेशन किया गया।जबकि 23 मार्च गुरुवार को मुख्य कार्यक्रम चेटीचंड महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा। जिसमें झुलेलाल मंदिर में प्रातः 10:15 बजे ध्वजारोहण, प्रातः 11 बजे कन्या भोज, दोपहर 12 बजे आम भंडारा, साय 4 बजे भव्य शोभायात्रा के बाद सांय 8 बजे मशहूर शहनाई वादक पेशूराम एवं पार्टी के साथ पूज्य बहराणा साहिब, डांडिया नृत्य व सिन्ध का लोकनृत्य छेज,9 बजे आम भंडारा 9.30 से 10 बजे तक शोभायात्रा में शामिल झांकियों को पुरस्कार और रात्रि 10 बजे से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां तथा 24 मार्च को सुबह 6 बजे वरुणावतार का पल्लव पाने के बाद महोत्सव का विधिवत समापन किया जाएगा।