सच्चा मित्र वही जो सुख दुख दोनों में काम आए - सुरेशानंद
डीग (भरतपुर,राजस्थान/ पदम जैन) सच्चा मित्र वही जो सुख दुख में काम आए, एवं सच्ची पत्नी वही जो अपने पति के मन की बात को उसके बोलने से पहले समझ ले यह वात कस्बे के तेलीपाड़ा मोहल्ला स्थित भैरव मंदिर के पास चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन कृष्ण सुदामा कथा का वृतांत सुनाते हुए भागवत आचार्य सुरेशानंद ने कही। उन्होंने कहा कि इत्र, मित्र और चरित्र की जिंदगी में बहुत आवश्यकता है ।इत्र वस्त्रों में सुगंध पैदा करता है, मित्र जीवन में सुगंध पैदा करता है। और चरित्र जगत में सम्मान दिलाता है।सुरेशानंद ने कहा कि इत्र की सुगंध कुछ ही घंटों में समाप्त हो जाती है, मगर मित्र और चरित्र की सुगंध जीवन भर रहती है। मित्रता कृष्ण और सुदामा के जैसी होनी चाहिए ।कृष्ण के राजा बन जाने के बाद भी सुदामा के प्रति जो बचपन में भाव थे वह राजा बनने के बाद भी अटूट रहे। मित्र वह होता है जो संकट के समय में काम आये।सुदामा ने श्री कृष्ण कुछ मांगा नहीं लेकिन उसके घर पहुंचने से पहले उन्होंने उसके घर एवं आस-पड़ोस को विश्वकर्मा की सहायता से सब कुछ दे दिया। इस मौके पर महेश सब्जी वाले, हुकुमचंद राठौर ,महेद्र सेठी, सूसा पंडित, नीटू जैन,नीरज पाराशर,अमन खोत्या,सोनू पाराशर,नीरज पंजाबी बिट्टू ,जगदीश अरोड़ा सहित बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित थे।