नियमों की आड़ में पट्टों की फाईलों को अटका रहे अधिकारी
खैरथल (अलवर, राजस्थान/ हीरालाल भूरानी) खैरथल नगरपालिका द्वारा राज्य सरकार के निर्देश पर वार्डों में चलाए जा रहे प्रशासन शहरों के संग अभियान का निष्क्रिय अधिकारी की वजह से आमजन को पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। शिविर में नियमों की आड़ लेकर पट्टों की फाईलों को अटकाया जा रहा है। कस्बे की पुरानी आबादी में ग्रांट एक्ट के पट्टे बनवाने वाले लोग शिविर में धक्के खाते नजर आ रहे हैं। जटिल नियमों की आड़ लेकर मसलन तीस साल पुराना राशन कार्ड,तीस साल पुराना बिजली का बिल की शर्तें थोंप कर लोगों को टाला जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर नगरपालिका की ओर से पेराफेरी के कुछ हिस्सों को शामिल तो कर लिया लेकिन अभी तक उनकी 90 ए व बी की कार्रवाई नहीं होने से लोग इधर से उधर भटकने को मजबूर हो रहे हैं। अभियान के दो सप्ताह में कैंप में पट्टे की फाईल हुई जमा में से मात्र एक दर्जन ही पट्टे जारी किए हैं जबकि पूर्व में प्री कैंप लगाकर कई फाईलें तैयार हो चुकी थी।जो नगरपालिका में जमा हैं। लेकिन नियमों की आड़ लेकर आवेदकों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। शिविर प्रभारी की लापरवाही से शिविर में लोगों की पेंशन, राशनकार्ड जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं कराई,लोग धक्का खा रहे हैं।श्रम विभाग, पीडब्ल्यूडी सहित कई विभाग की अनुपस्थिति भी अखर रही है।
इधर, कस्बा निवासी सौरभ कुमार ने बताया कि हमारा पुरानी आबादी में मकान है।हम ग्रांट एक्ट का पट्टा लेना चाहते हैं लेकिन शिविर में बैठे अधिकारियों को ही नियमों की विस्तृत जानकारी नहीं होने की वजह से आम लोगों को टाला जा रहा है। जबकि पूर्व में लगे शिविरों में एक छत के नीचे ही सारे काम वहीं पर हो रहे थे। जिनसे भूमि या मकान खरीदा गया रजिस्ट्री होने के बाद भी उनके आधार कार्ड मांगे जा रहे हैं।
इधर, कांग्रेस पार्षद नारायण छंगाणी ने बताया कि शिविर में महज खानापूर्ति की जा रही है। लोगों को एक टेबल से दूसरी टेबल पर भेज कर टाला जा रहा है। शिविर में सरकारी योजना का खुले आम मखौल उड़ाया जा रहा है।