खनन के लिए किए विस्फोट से मकानों में आई दरार, ग्रामीणों ने एसडीएम को शिकायत दे जांच की मांग की
अलवर || रामगढ़ क्षेत्र के ललावण्डी गांव पहाड की तलहटी में बसा हुआ है। उसके बावजूद सरकार द्वारा खनन के लिए पहाड़ की लीज जारी कर रखी हैं और पास ही क्रेसर चलाने के लिए भी अनुमति दे रखी है। इस मामले में अनेकों बार ग्रामीणों द्वारा क्रेसर की उडने वाली डस्ट से ग्रामीणों का जीना दुश्वार हो गया है और लीज धारकों द्वारा खनन कार्य के लिए पहाड़ों में किए जाने वाले विस्फोट से गांव के अनेक मकानों में दरारें आई हुई हैं।
इस बारे में ग्रामीणों द्वारा अनेकों बार प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित एवं मौखिक रूप से अवगत कराने के बावजूद कार्यवाही नहीं होने से तंग आकर गांव के दौलत सिंह ने एनजीटी में वाद दायर किया। जिसमें एनजीटी ने 30 जनवरी 2020 को महादेवा क्रेसर के बोरवेल को सीज करने के आदेश दिए।
इसके बाद एनजीटी ने अवैध तरीके से आबादी क्षेत्र में खनन मामले में दिए गए निर्देशों की पालना नहीं कराने पर में 19 मार्च को जिला कलेक्टर को 25000 रु के जमानती वारंट से तलब किया था और भरतपुर डीआईजी को जमानती वारंट तामील कराने के निर्देश दिए थे।
इतना कुछ होने के बावजूद लीज धारक मनमानी से भारी विस्फोट कर खनन करने से नहीं रुक रहे।
हाल ही में तीन दिन पूर्व बुधवार को बालाजी लीज धारकों द्वारा किए गए विस्फोट से मकानों में दरारें आ गई। गुरुवार को गांव के मंजू कुमार और विमला देवी द्वारा रामगढ़ एसडीएम रेनू मीणा को लिखित शिकायत दी है। शिकायत की जांच में आज नायब तहसीलदार मांगीलाल मीना और हल्का पटवारी रोबिन सिंह ने मकानों में आई दरारों को देखा।
नायब तहसीलदार मांगीलाल मीना ने बताया कि हमने शिकायत कर्ताओं के मकानों में आई दरारों को देखा है इसकी रिपोर्ट तैयार कर एसडीएम महोदया को पेश कर देंगे।
ग्रामीणों का कहना है कि सुनने में आया है कि लीज अवधी समाप्त होने के बावजूद भी खनन कार्य जारी हैं लेकिन हमारे पास कोई साक्ष्य नहीं है। नियमानुसार आबादी क्षेत्र के समीप लीज के पट्टे जारी नहीं किए जा सकते।
राधेश्याम गेरा की विशेष रिपोर्ट