लक्ष्मणगढ़ कस्बे के जलभराव व जल निकासी मार्ग अवरुद्ध, घरों-दुकानों व सरकारी ऑफिसो में भरा गंदा पानी
एक और मौसमी बीमारियों का कहर दूसरा गंदगी को देखते हुए कस्बे में महामारी फैलने का अंदेशा, नगर पालिका सहित स्थानीय प्रशासन भी ले रहा है कुंभकर्णीय नींद
कस्बे के जल निकासी मार्ग जल भराव क्षेत्र जनप्रतिनिधि और अधिकारियों की मिलीभगत के कारण सब चढे भ्रष्टाचार की भेंट, जल निकासी मार्ग जलभराव क्षेत्रों को लेकर के कस्बे में हाईकोर्ट व संभागीय आयुक्त के आदेश धूल चाट रहे हैं अधिकारी कुंभकर्णी नींद ले रहे हैं।
लक्ष्मणगढ़ (अलवर,राजस्थान/ गिर्राज प्रसाद सोलंकी) लक्ष्मणगढ़ सरकार बनाम अब्दुल रहमान जनहित याचिका पर सन 2004 में राजस्थान उच्च न्यायालय में निर्णय के पश्चात भी अलवर जिले के लक्ष्मणगढ़ में किसी भी अधिकारी द्वारा पालना नहीं करने के फल स्वरुप प्रकृति तालाबों में पानी की आवक के क्षेत्रों में तथा निकासी क्षेत्रों को भू माफियाओं द्वारा कालोनियां विकसित कर प्रकृति से छेड़छाड़ करते न्यायलय के आदेशों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं । बुधवार को बारिश ने कस्बे में तबाही मचा दी नालियों का गंदा पानी सड़कों पर आ गया पानी कॉलोनियों में घरों में दुकानों में प्रवेश करते हुए उपखंड अधिकारी कार्यालय को भी लबालब कर दिया ऐसे में जब उपखंड अधिकारी के कार्यालय में ही पानी प्रवेश गंदी नालियों का कर जाए तो इन सब अवस्थाओं से आप पता लगा सकते हैं कि हमारा कस्बा कितना सुव्यवस्थित बसा हुआ है। कस्बे के अंदर दर्जनों जल भराव क्षेत्र थे जैसे तलाई जोहोड़ नहर इत्यादि को कस्बे में अधिकारियों जनप्रतिनिधियों किससे उनके ऊपर कब्जा किया हुआ है जब जल निकासी मार्ग और जलभराव क्षेत्रों पर कब्जा हो जाएगा तो पानी तो अधिकारियों के ऑफिसों में और घरों में ही जाएगा एक और लक्ष्मणगढ़ की भौगोलिक स्थिति वैसे ही सही नहीं है कस्बा तीनों और बांध क्षेत्र से घिरा हुआ है। यहां की बसावट त्रिभुजा नुमा है कस्बे में हल्की सी बारिश हो तो तबाही मच जाती है अगर प्रकृति रूठती है अच्छी बारिश होती है तो स्थिति क्या बनेगी यह सोचने का विषय है पर कस्बे के अंदर सभी जल निकासी मार्ग जल भराव क्षेत्र अवरुद्ध पड़े हैं नगर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं कस्बे में जगह जगह पानी भरे हुए हैं दुर्गंध आ रही है मच्छर पनप रहे हैं घरों में मलेरिया के शिकार मरीज पड़े हैं
लक्ष्मणगढ़ को नगर पालिका मिलने के पश्चात भी नगरपालिका के कोई लाभ नहीं मिल पा रहे यहां केवल जनप्रतिनिधि हो या अधिकारी हो इन्हें तो केवल माल कमाने की बात पर ही ध्यान होता है विकास की ओर कोई ध्यान नहीं यहां के अधिकारियों से चाय नहर की रजिस्ट्री करवाओ चाय बांध की रजिस्ट्री करवाओ चाहे जल भराव क्षेत्र की चाहे जल निकासी मार्ग की इन्होंने नियम कायदे ताक पर रखते हुए कस्बे की भौगोलिक स्थिति को बिगाड़ के रख दिया लक्ष्मणगढ़ कस्बा दिन प्रतिदिन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता जा रहा है अगर समय रहते हुए जनप्रतिनिधि अधिकारी एवं जनता ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो कस्बे वासियों को खुद को भुगतना पड़ेगा बड़ा अंजाम आज कस्बे के राजपूत कॉलोनी की ओर जाने वाला रास्ता वहां पर स्थित उपखंड अधिकारी का कार्यालय के अंदर समस्त कस्बे का गंदा पानी वर्षा में प्रवेश कर गया। जबकि उपखंड अधिकारी कार्यालय के सामने ही एक बड़ी तलाई जोड़ है उसमें पानी जाना चाहिए था पर उपखंड अधिकारी जी के सामने ही तलाई पर अवैध कब्जा होने के कारण तलाई लुप्त हो रही है।राजपूत कॉलोनी में स्थित स्वामी केशवानंद शिक्षण संस्थान समूह में पढ़ने वाले बच्चों को खांसी परेशानियों देखने को मिली भारी बारिश में साइकिल, मोटरसाइकिलों को लेकर के गिरे जिससे बच्चों की किताबें बैग उनकी ड्रेस सभी गंदी हो चुकी थी कि एक और केंद्र सरकार राज्य सरकार स्वच्छता का नारा देती है संदेश देती है पर लक्ष्मणगढ़ गंदगी कीचड़ और दलदल युक्त है। कहावत यह भी है स्वक्षता में ही ईश्वर का निवास होता है पर यहां गंदगी में कौन बसते हैं वह आप खुद समझदार है यहां मात्र एक किले की खाई है जिसके अंदर संपूर्ण कस्बे का पानी आता है पर जनप्रतिनिधियों ने पट्टे काट काट कर के खाई को बेच डाला अधिकारियों ने रजिस्ट्री कर दी हाईकोर्ट से 74 पट्टे निरस्त भी हुए हैं संभागीय आयुक्त के द्वारा अतिक्रमण कार्यों की लिस्ट भी बनाई गई है किस व्यक्ति ने कितने नाव पर कब्जा किया हुआ है पर लक्ष्मणगढ़ कस्बे में हाईकोर्ट के आदेश संभागीय आयुक्त के आदेश धूल चाट रहे हैं यहां अधिकारी कोई कार्यवाही करने से राजी नहीं कस्बे के जालूकी रोड जहां से उपखंड अधिकारी जी प्रतिदिन निकलते हैं उसी रोड पर नेहरो के ऊपर दुकान बना दी बस स्टैंड लक्ष्मणगढ़ पर दर्जनों दुकाने नालों के ऊपर बनी है अधिकारियों को सब कुछ मालूम है खुद भी उस समस्या के शिकार बने हुए हैं और समाधान करना नहीं चाहते यहां अधिकारी आंखें बंद करके अपना समय काट कर पैसा बटोर के चले जाते हैं मरना जनता को है। कस्बे में रोणीजा रोड़, सब्जी मंडी, राजपूत कॉलोनी, मोदी पेट्रोल पंप, मालाखेड़ा रोड़ पर गंदे पानी का जमावड़ा रहता है और मच्छर मलेरिया का प्रकोप चल रहा है। ऐसा ही प्रकरण कस्बे के अंदर बांध के अंदर व्यवसायिक दुकानों को बना करके और जल निकासी मार्ग एवं जलभराव क्षेत्रों पर नियम कायदों को ताक पर रखते हुए निर्माण हुआ है पर अधिकारियों के कानों तक कोई छू तक नहीं रैग रही आज तक उन निर्माण को तोड़ने की हिम्मत नहीं जुटा रहे हैं जबकि सरेआम भू माफियाओं के पास ना जमीन संबंधी कोई कागजात है सिंचाई विभाग ने नोटिस दिए हैं पीडब्ल्यूडी ने नोटिस दिए हैं इधर किसान की भूमि को कब्जाते हुए उस पर निर्माण किया है, यह सब मिलीभगत का खेल नहीं तो क्या प्रशासन को जनप्रतिनिधि को नीम खुदाई के समय पर ही सूचित कर दिया फिर किस-किस है पर यह निर्माण हुआ जो की जल निकासी मार्ग और जलभराव क्षेत्रों पर इनके द्वारा कब्जा किया हाईकोर्ट के आदेश संभागीय आदेश की कॉपी जिला कलेक्टर को भी समय-समय पर दी जाती है पर कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं क्या लक्ष्मणगढ़ स्वच्छ रह पाएगा । कही सपने में तो नगरपालिका नहीं