क्या है मजबूरी? महामारी मेंं खनन का कारोबार जरूरी- गोपी
पहाड़ी (भरतपुर, राजस्थान/ उदयसिंह) कोरोना संक्रमण की महामारी को लेकर देश मे हाहाकर मचा हुआ है।मरीजो को सांस लेने के लिए ऑक्सीजन जैसी सुविधाओं के लिए भटकना पड रहा है। वही सरकार ने कोरोना गाइड लाइन में खनन के कारोबार को आवश्यक मानते हुए छूट दे रखी है।
जिसको लेकर पूर्व विधायक गोपी गूर्जर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित किया है पत्र में महामारी से निजात पाने के लिए जितनी वनस्पती, पहाडो पर हरियाली, पेड पोधो लगाना जरूरी है।ताकि वायुमण्डल प्रदूषण मुक्त हो सके ओर आमजन को शुद्व ऑक्सीजन मिल सके। जबकि सरकारने प्रकृति के नियमो को उलधन्न कर इस महामारी में खनन को प्राथमिकता से करने की छूट दे रखी है। आम व्यापारी से लेकर मजदूर का रोजगार चोपट हो गया है लेकिन सरकार खनन माफियाओ को आज भी सहयोग करने मे जुटी हुई है।
जिले के उपखण्ड क्षेत्रो मे खनन का कारोबार किया जा रहा है। क्रेशरो के संचालन व खनन सामग्री से भरे ऑवलोडिंग डम्फरो की निकासी दिल्ली ,यूपी आदि राज्यो में धडल्ले से जारी है। जिसके कारण क्षेत्र में उडने वाली धूल के कारण आमजन का दम घुटने लगा है। इसी तरह स्थानिय वाहन बंद है तो सीमावर्ती हरियाणा के थ्रीव्हिलर बिना परमिट के राजस्थान सीमा में धडल्ले से चल रहे है। पहाडी से कामां केथवाडा से लहसर होते हुए कामां जुरेहरा, होकर हरियाणा ,दिल्ली , उतप्रदेश के लिए खनन सामग्री सप्लाई की जा रही है।जिससे इनके चालक परिचालक अन्य राज्यो के सम्पर्क आते जिनसे संक्रमण फेलने का खतरा बना हुआ है।हरियाणा के थ्रीव्हिलर बिना परमिट के अवेध रूप से राजस्थान सीमा मे धडल्ले से चल रहे है।