कौन जिम्मेदार, किसकी है चाल: महिला पुलिस अधिकारी ने रिपोर्ट ली वापस फिर भी किया मुकदमा दर्ज
भीलवाड़ा (राजस्थान/ बृजेश शर्मा) महिला पुलिस थाना अधिकारी ने करीब 2 माह पूर्व रिपोर्ट दी थी जिसकी 2 महीने से किसी प्रकार से कोई जांच नहीं हो रही थी और अचानक कल जब महिला पुलिस अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट वापस ले ली तो आनन-फानन में मुकदमा दर्ज कर दिया गया क्या यही है न्याय क्यों बदनाम किया जा रहा है महिला पुलिस अधिकारी अन्य नेताओं को विश्वस्त सूत्रों से दस्तावेज के साथ महिला पुलिस अधिकारी ने बताया कि कल दिनांक 28 एक को उसने अपनी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं करने बाबत एडिशनल एसपी को रिपोर्ट दी जिस पर कार्यवाही बंद करने का आश्वासन दिया गया लेकिन अचानक उस रिपोर्ट को हटाकर मामला दर्ज कर दिया गया लगता है यह सारा कार्य राजनीतिक दबाव में किया जा रहा है इसमें कई बड़े अधिकारियों को बदनाम करने की साजिश नजर आ रही है इस तरह से एक महिला पुलिस अधिकारी की इज्जत उछालना कहां तक उचित है कौन होगा इसके लिएजिम्मेदार। परिवादी द्वारा मुकदमा दर्ज नहीं होने से पूर्व अपनी रिपोर्ट वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र देने पर उस मामले को वहीं पर बंद कर दिया जाना चाहिए लेकिन फिर भी पुलिस अधिकारियों ने आनन-फानन में दबाव में आकर रिपोर्ट दर्ज कर यह बताने की कोशिश की है कि पुलिस कितने जागरूक है लेकिन लेकिन वास्तविकता यह है कि 2 माह तक रिपोर्ट को लटकाना फिर जब खुद परिवादी कार्यवाही नहीं चाहता है तो रिपोर्ट दर्ज करना लगता है इस रिपोर्ट दर्ज करने के बाद पुलिस नामजद व्यक्तियों को ब्लैकमेल कर परेशान करना चाहती है इस तरह का न्याय कतई उचित नहीं है अब जानने लायक बात यह है कि क्या इस तरह किसी महिला पुलिस अधिकारी की इज्जत उछाल ना ठीक है और इसके लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को क्या सजा मिलेगी