सामुदायिक स्वास्थय केंद्र पर 20 वर्षो से नही महिला चिकित्सक, प्रसव पीड़ा के लिए दर बदर भटक रही महिलाऐं

महिला चिकित्सक नही करती ज्वांइन, सरकार सहित स्थानिय प्रशासन की उदासीनता एवं नाकामीयों पर उठ रहे सवाल, युवाओं ने उपखंड अधिकारी को गहलोत सरकार के नाम ज्ञापन सोंपकर की महिला चिकित्सक की मांग

Aug 25, 2020 - 02:00
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सामुदायिक स्वास्थय केंद्र पर 20 वर्षो से नही महिला चिकित्सक, प्रसव पीड़ा के लिए दर बदर भटक रही महिलाऐं

रैणी,अलवर 
अलवर जिलें मे रैणी तहसील का सामुदायिक स्वास्थय केंद्र 26 ग्राम पंचायतों का सबसे बड़ा सामुदायिक स्वास्थय केंद्र माना जाता हैं लेकिन यहाँ के हालात इतने बदहाल है की इस सामुदायिक स्वास्थय केंद्र पर 20 वर्षो के बावजूद भी एक महिला चिकित्सक नही हैं अगर हम महिला प्रसुति की बात करे तो हम अापको बता दें की यहां प्रसव पीड़ा की सुविधा के लिए यह सरकारी अस्पताल शून्य हैं क्यों की इस सरकारी अस्पताल में महिला चिकित्सक नही है अतः यहाँ प्रसव पुरूष चिकित्सकों द्वारा ही कराया जाता है जो महिला एवं समाज सहित परिवाजनों के लिए बेहद शर्म की बात हैं सरकार सहित स्थानिय प्रशासन की उदासीनता के चलते महिला चिकित्सक का ना होना महिलाओं के लिए परेशानी का सबब बना हुअा हैं महिलाऐ अपना प्रसव पुरुष चिकित्सकों से ही कराने पर मजबूर हैं हालात यह है की यदि इस सामुदायिक स्वास्थय केंद्र पर महिला चिकित्सक को लगाया भी जाये तो ज्वांइनिंग करने के लिए उस महिला चिकित्सक को 6 माह से सालभर लग जाते है लेकिन फिर भी महिला चिकित्सक ज्वांइनिंग नही करती अगर हम यहां के स्थानिय प्रशासन तथा चिकित्सा विभाग की बात करें तो सब नींद में सोये नजर अाते हैं लेकिन अपनी अांखो के नीचे हो रहा महिलाओं के साथ प्रसुती अत्याचार किसी को नही दिखता हैं महिलाओं को मिलने वाली प्रसव पीड़ा के दौरान सुविधा देने की वजाय दुविधा होने के  बावजूद भी प्रशासन नजर अंदाज कर देता हैं सोमवार को युवाओं ने रैणी उपखंड अधिकारी को ज्ञापन देकर महिला की शीध्र नियुक्ति की मांग सरकार से की है ज्ञापन मे बताया गया की मेल नर्स के द्वारा ही महिलाओं का प्रसव कराया जाता हैं इस सरकारी अस्पताल पर 50 गांवो की 1.75 लाख अाबादी अपना ईलाज करवाने के लिए इसी सामुदायिक स्वास्थय केंद्र पर अात्मनिर्भर हैं क्यों की इस तहसील क्षैत्र में गरीब किसान मजदूरी करने वाले लोग , अशिक्षित तथा बेरोजगारी लोग शामिल है जो मात्र अपनी मजदूरी तथा कृषि खेती पर निर्भर हैं लोग अशिक्षित तथा गरीब होने के कारण अपना इलाज इसी सरकारी अस्पताल में कराने को मजबूर है लेकिन यह अस्पताल रेफरल अस्पताल होने के कारण यहाँ पूर्ण सुविधा के साथ ईलाज मिल पाना असम्भव हो जाता हैं मजबूरन होकर अार्थिक स्थति सही ना होने पर भी अपना ईलाज बाहर अन्य शहरों में जाकर करवाना पड़ता हैं। कई बार युवाओं ने धरना प्रदर्शन कर महिला चिकित्सक की मांग की गई सरकार द्वारा काँफी समय बाद महिला चिकित्सक की नियुक्ति भी की गई लेकिन महिला चिकित्सकों ने डयूटी ज्वांइन नही की इसके बाद युवाओं ने पुनः मांग करने पर सरकार ने एक प्रसुति विशेषज्ञ की नियुक्ति की लेकिन ज्वांइनिंग करने के 10- 15 दिन बाद ही उसका स्थानांतरण रैणी से अन्य स्थान पर कर दिया गया इसलिए सरकार से युवाओं ने मांग की है की शीध्र महिला चिकित्सक की ज्वांइनिग कर क्ष्रैत्रिय जनता के साथ साथ प्रसुति महिलाओं की असहनिय वेदनाओं को समझकर   राहत दे जिससे ग्रामीण क्षैत्र की महिलांऐ अपना प्रसव अपने स्थानिय सामुदायिक स्वास्थय पर ही महिला चिकित्सक से करा सके एवं पूर्ण उपचार मिलने के साथ सुविधा भी मिल सकें।

  • संवाददाता योगेश गोयल की रिपोर्ट  

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