युवा साहित्यकार दाधीच को मिला तार शतक एकल काव्य सम्मान
भीलवाड़ा
भीलवाड़ा. युवा साहित्यकार योगेश दाधीच योगसा को 45 वाँ तार शतक साहित्य सम्मान प्रदान किया गया। रजिस्टर्ड संस्था तार शतक एकल काव्य मंच के सचिव गोपाल पंचौली 'आशु' ने बताया कि पटल पर काव्य प्रस्तुतियां देने पर यह सम्मान प्रदान किया गया। व्याख्याता योगेश राजस्थानी में स्वर्णपदक और भूगोल, हिंदी साहित्य एवं इतिहास में विश्वविद्यालय में वरीयता सहित रिकॉर्ड 14 विषय में अधिस्नातक कर चुके हैं। कुशल वक्ता और मंच संचालक होने के साथ साथ शृंगार और हास्य के मंचीय कवि भी हैं। वर्ष 2001 से काव्य सर्जन करते हुए गीत, गजल, मुक्तक, अतुकांत कविताएँ, कहानी, संस्मरण आदि विविध साहित्यिक विधाओं में लेखन में प्रवृत्त हैं। महर्षि दधीचि के त्याग पर आधारित खंडकाव्य "अस्थिपुरुष" और काव्य संग्रह "ना पाया तुम्हें, ना खो पाया" इनकी अप्रकाशित रचनाएँ हैं। वरिष्ठ कवि प्रह्लाद पारीक, नरेंद्र दाधीच, दीपक पारीक, पूर्व प्राचार्य रविकांत सनाढ्य, गीतकार डॉ. कैलाश मंडेला, डॉ. महावीर प्रसाद जोशी, श्याम सुंदर तिवारी, गोवर्धन प्रसाद पारीक, कवि बद्री बसन्त, संयोजक अवधेश जौहरी, मीडिया प्रभारी संपत शर्मा, सतीश व्यास आस, डॉ. सत्यनारायण सत्य, रोहित सुकुमार, जयदेव अजीत सिंह, नरोत्तम कुमार दाधीच, मुकेश सिंह मुक्तक, अनुराधा दाधीच, भँवर लाल विश्नोई सहित कई साहित्यकारों ने दाधीच को श्रेष्ठ काव्यपाठ और अभिनन्दन पत्र के लिए बधाई दी।
राजकुमार गोयल की रिपोर्ट