जहाजपुर की 239 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पूरक पोषाहार का 19502 बच्चे महिलाओं को मिलेगा लाभ
जहाजपुर (भीलवाड़ा, राजस्थान/आज़ाद नेब) आंगनबाड़ी केंद्रों में करीब आठ माह से बंद पूरक पोषाहार फिर से मिलना शुरू होगा। ब्लॉक के करीब 19502 बच्चे महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा। इसमें 6 माह से 3 साल तक के छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाएं, धात्री महिला, कुपोषित बच्चे, अति कुपोषित बच्चों को राहत मिलेगी। ब्लॉक में 239 आंगनबाड़ी केंद्र कार्यरत है।
सीडीपीओ शंकर लाल बैरवा ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से बच्चों, महिलाओं का कुपोषण दूर करने के लिए फिर से बंद पूरक पोषाहार को शुरू किया जाएगा। ब्लॉक में कुल 19502 लाभार्थी है जिनमें धात्री महिलाएं 1535, गर्भवती महिलाएं 2136, 0 से 6 माह के 1371 बच्चे, 6 माह से 3 वर्ष तक के 9060, 3 वर्ष से 6 वर्ष के 5361 बच्चे शामिल है। धात्री महिलाओं को फोर्टीफाइड न्यूट्री मीठा दलिया, मूंग दाल, चावल खिचड़ी, सादा गेहूं, दलिया दिया जाएगा। इसी प्रकार गर्भवती महिलाओं व धात्री महिलाओं को मीठा दलिया और खिचड़ी दी जाएगी। तीन माह से 6 वर्ष तक के बच्चों को नमकीन मुरमुरा और मीठा दलिया मिलेगा, वहीं अति कुपोषित बच्चों को मीठा मुरमुरा, नमकीन मुरमुरा, मीठा दलिया मिलेगा। आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से बच्चों का मानसिक विकास व कुपोषण दूर करने के लिए यह पोषाहार लाभदायक है। राज्य सरकार ने अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार वितरण में गड़बडिय़ां रोकने की कवायद भी शुरू की है। इसके तहत इन केंद्रों पर आने वाले 3 से 6 साल तक के उन्हीं बच्चों को पोषाहार दिया जाएगा, जिनके माता-पता यह शपथ-पत्र देंगे कि उनके बच्चे किसी प्राइवेट स्कूल में नहीं पढ़ते हैं।
सीडीपीओ बैरवा ने बताया कि पंचम राष्ट्रीय पोषण का आयोजन इसी माह ब्लॉक की सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर संचालित किया जाएगा। सितंबर माह के पहले सप्ताह में महिला एवं स्वास्थ्य, दूसरा सप्ताह में बच्चा और शिक्षा पोषण भी पढ़ाई भी, तीसरे सप्ताह में जेंडर संवेदनशील जल संरक्षण और प्रबंधन, माह के अंतिम सप्ताह में आदिवासी क्षेत्रों में महिला एवं बच्चों के लिए पारंपरिक भोजन जैसी गतिविधियां आयोजित की जानी है।