खैरथल सामाजिक कार्यों में अग्रवाल समाज का पिछले 35 सालों से योगदान
खैरथल ( हीरालाल भूरानी )
खैरथल में अग्रवाल समाज पिछले 35 सालों से योगदान देता आ रहा है, श्री अग्रवाल सभा संस्थान के सचिव प्रमोद सिंघानिया ने बताया की 1983 में अग्रवाल धर्मशाला की नीव रखी गई जिसमे अग्रवाल समाज के बुजुर्ग प्रतिष्ठित लोग जिनमे गोपीराम अग्रवाल, ओमप्रकाश सिंघानिया, बनारसीदास, ओमकारमल आदि ने अग्रवाल समाज और अग्रवाल धर्मशाला की नीव रखी जिसमे छोटे छोटे दो तीन कमरों का निर्माण कर धर्मशाला को मूर्त रूप देकर चालू किया जो आज आधा बीघा जमीन पर दो मंजिला इमारत तैयार है और आधा बीघा जमीन में खुला लान है। जिसमे रोजाना बाहर से आए यात्रियों को रुकने रहने के लिए नाममात्र किराए पर दिए जाते है जिसमे बाहर से आए यात्री, व्यपारिगण रुककर अपना काम निबटाकर अपने गंतव्य को चले जाते है। इस भवन में सर्व समाज के लिए शादी ब्याह आदि कार्यक्रम, कोई मीटिंग आदि करने के लिए चार बड़े बड़े हाल उपलब्ध है और शादी विवाह कार्यक्रम के लिए पूरी धर्मशाला बुक कर कार्यक्रम करने के लिए दी जाती है। इस भवन में किसी भी सामाजिक कार्यक्रम आदि के लिए नाममात्र किराया लिया जाता है जो इस भवन की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलने के लिए ही काम में लिया जाता है।
सिंघानिया ने बताया की अग्रवाल समाज में एक बहुत बड़ा बर्तनों का भंडार है जो किसी भी व्यक्ति को किसी भी काम करने के लिए चाहिए होते है उन बड़े बर्तनों की व्यवस्था पिछले 30 सालों से चलती आ रही है।
अग्रवाल समाज द्वारा पिछले 35 वर्षों से समाज के लोगो द्वारा अन्नक्षेत्र निरंतर और निर्विघ्न चलाया जा रहा है जिसमे सुबह 10 से 12 बजे तक रसोई में भोजन तैयार किया जाता है और हाथोहाथ गर्म गर्म भोजन आगुंतकों को निशुल्क करवाया जाता है जिसमे समाज को लोगो के सहयोग से इस व्यवस्था को किया जाता है, इस रसोई में समाज के लोग अपनी इच्छा से दान देते है समाज के लोगों के जन्मदिन, सालगिरह, पुण्यतिथि के अवसर पर स्वेच्छा से सहयोग कर और समाज के लोगो द्वारा निश्चित धनराशि, आटा, दाल चावल आदि इस रसोई में सहयोग दिया जाता है।
पिछले साल अग्रवाल समाज ने दो बड़े निशुल्क चिकित्सा कैंप लगाए थे जिनमे विभिन्न बीमारियों के निशुल्क इलाज और निशुल्क दवाइयों और जांच हजारों मरीजों की की गई थी। इन कैंपों के माध्यम से 10 से 15 मरीजों के हड्डियों के बड़े बड़े ऑपरेशन किए गए थे।
अग्रवाल समाज के वर्तमान अध्यक्ष जयप्रकाश अग्रवाल और सचिव प्रमोद सिंघानिया ने बताया की हमारा अग्रवाल समाज हमारे पूर्वज महाराज अग्रसेन के पदचिनोह पर चलकर कार्य करता है। हमारे पूर्वज महाराज अग्रसेन क्षत्रिय सूर्यवंशी थे वे श्री राम के पुत्र लव कुश की आगे की पीढ़ी से संबंध रखते थे और उन्होंने जब एक बड़ा यज्ञ करवाया और उस यज्ञ के उपरांत पशु बलि के लिए बकरे को लाया गया तब महाराज ने बकरे की आंखों में दया और दर देखा तभी महाराज ने अपनी तलवार फेंक दी और अपने राज्य में पशु बलि को निषेध करते हुए क्षत्रिय कर्म को भी छोड़ दिया और वैश्य वर्ण ले लिया की हम निरीह प्राणी हत्या नही करेंगे। महाराज अग्रसेन के शासन में अग्रोहा नगरी में महाराज ने एक निया बनाया हुआ था की जब भी कोई नया व्यक्ति राज्य में आएगा तो सभी राज्य वासी इस व्यक्ति को एक ईंट और एक रुपया भेंट स्वरूप देंगे जिससे वो अपना घर बना सके और इखट्टा किए जाए रुपयों से अपना व्यापार कर सके और समाज में बराबरी से रह सके ।
दिनांक 15 अक्टूबर को इन्ही महाराजा अग्रसेन का जन्मोत्सव अग्रवाल समाज के लोग नवरात्रि स्थापना के प्रथम दिन धूम धाम से मनाते है, इस वर्ष 15 अक्टूबर रविवार को श्री महाराजा अग्रसेन जयंती उत्सव है जो बड़ी धूमधाम से मनाया जायेगा। सिंघानिया ने बताया की तीन दिवसीय जयंती उत्सव मनाया जायेगा जिसके सम्पूर्ण कार्यक्रमों की जानकारी सोमवार को दी जाएगी। इस बार जयंती उत्सव पर सर्व समाज के लिए अग्रवाल समाज की ओर कुछ कार्य किए जायेंगे।