चुनावी ड्यूटी के नाम पर अपेंडिक्स साइनस
वैर भरतपुर राजस्थान
बीमारी बन रही इलाज, चुनौती से कतरा रहे कर्मचारी, इस बार सबसे ज्यादा प्रार्थना पत्र बीमारी के:मेडिकल टीम ही करेगी निर्णय
चुनौती भरी चुनावी ड्यूटी को अक्सर कर्मचारी सिरदर्द ही समझते हैं। हर बार चुनावों में कर्मचारी लंबी चौड़ी समस्या लेकर प्रशासन के पास ड्यूटी कटवाने पहुंचते हैं। इस बार भी ऐसे कर्मचारियों का कलक्ट्रेट में तांता लगा हुआ है। जो चुनावी ड्यूटी से करता रहे हैं ।इस बार सबसे ज्यादा प्रार्थना पत्र बीमारी संबंधी आए हैं ।कोई अपेंडिक्स से पीड़ित है तो कोई साइनस से। कोई ऑपरेशन कराकर आया है तो किसी को बेटे की लग्न लेनी है ।हालांकि प्रशासन में साफ किया है कि मेडिकल टीम की रिपोर्ट के बाद ही ड्यूटी काटी जाएगी।लेकिन इससे पहले कर्मचारी जुगाड़ लगाने में जुट गए हैं। प्रदेश में मतदान की तिथि 25 नवंबर तय है। इससे पहले ही प्रशासन ने चुनावी खाका खींचकर कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी है।इनमें से करीब 240 कर्मचारियों ने ड्यूटी कटवाने के लिए सीईओ जिला परिषद के यहां प्रार्थना पत्र दिए है। सीईओ के यहां मेडिकल संबंधी परेशानी बताकर चुनाव ड्यूटी कटवाने वालों की संख्या अधिक है। शारीरिक परेशानियों को लेकर कर्मचारी ड्यूटी निरस्त कराने के लिए आ रहे हैं। उधर प्रशासन का कहना है कि कोई बीमारी का बहाना बनाए या कुछ और लेकिन ऐसे ही कर्मचारी ड्यूटी से मुक्त किए जाएंगे जो इसके पात्र है ।
80 प्लस के लिए चाहिए अधिक कर्मचारी :- विधानसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव शाखा ने दिव्यांग और वृद्धो की सूची तैयार की है ।इसमें 20 हजार 12 दिव्यांग मत है। वही 80 से अधिक उम्र के मतदाता करीब 42 हजार है ।इनसे मतदान देने जाने के लिए डाक मत पत्र का वहीं मतदाता इसका प्रयोग करेंगे। दिव्यांग व 80 प्लस मतदाताओं से 12 डी फॉर्म भरवाया जाएगा। जो मतदाता इसका फार्म भरेंगे वही मतदाता इसका उपयोग करेंगे। उनकी सहमति के बाद ही यह डाक मत पत्र का प्रयोग होगा। इसके लिए भी कर्मचारियों की आवश्यकता पडेगी ।
गंभीर बीमारी जरूरी :- सीईओ जिला परिषद व ड्यूटी प्रभारी दाताराम ने बताया कि विधानसभा चुनाव में अनेक तरह की समस्या लेकर कर्मचारी चुनावों से ड्यूटी कटवाने के लिए आ रहे हैं। लेकिन ड्यूटी उन्हें कर्मचारियों की काटी जाएगी जिन कर्मचारियों का या तो एक्सीडेंट हो गया है या वह गंभीर बीमारी से पीड़ित है या फिर लकवा मार गया हो ।उन्होंने बताया कि इसके लिए एक मेडिकल टीम बनाई है। मेडिकल टीम ही इसका निर्णय करेगी। इसके बाद ही कर्मचारियों को ड्यूटी से मुक्त किया जाएगा। वहीं जिन कर्मचारियों की दो बार ड्यूटी लग गई है उन कर्मचारियों की भी ड्यूटी निरस्त की जाएगी। साथ ही उस तिथि को कर्मचारियों की शादी हो या बेटा बेटी की शादी होने पर ही ड्यूटी से निजात मिलेगी। इसका फैसला जिला निर्वाचन अधिकारी ही करेंगे।
पहले से ड्यूटी फिर भी लगा दी : - चुनावी ड्यूटी में कुछ ऐसे कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है जो पहले से ही चुनाव ड्यूटी कर रहे हैं कोई बीएलओ की ड्यूटी दे रहा है तो कोई जनसंपर्क अधिकारी का काम देख रहा है। इसके बाद भी उनकी ड्यूटी लगा दी है। हालांकि प्रशासन ने ऐसे कर्मचारियों की ड्यूटी निरस्त करने की बात कही है ।
ऐसे ऐसे आ रहे प्रार्थना पत्र :- एक कर्मचारी ने लिखा है कि मेरे पेट में अपेंडिक्स एवं पथरी की समस्या है जिसमें भयंकर दर्द होता है चिकित्सक ने जांच में खतरा बताया है। ऐसे में ड्यूटी निरस्त की जाए
एक कर्मचारी ने एप्लीकेशन में लिखा है कि वह पाइलोनिडिल साइनस बीमारी से पीड़ित था जिसका ऑपरेशन हुआ है। इसके चलते वह अधिक देर तक बैठने में असमर्थ है । प्रार्थी को ड्रेसिंग कराने नर्सिंग होम जाना पड़ता है ऐसे में ड्यूटी देने में असमर्थ है। एक कर्मचारी ने लिखा है कि वह हाई ब्लडप्रेशर थायराइड एवं डायबिटीज के साथ स्लिप स्नोरिंग की बीमारी है रात में सोते समय जागने तक स्लीपिंग डिवाइस लगानी पड़ती है। ऐसे में दुर्घटना की आशंका रहती है कर्मचारी ने बीमारी संबंधी फोटो भी संलग्न किए हैं।