भगवान श्री जगन्नाथ का वार्षिकोत्सव आज :विशाल व भव्य मेले का होगा आयोजन, मंदिर में की जायेगी विशेष सजावट
कोटपूतली (बिल्लूरामसैनी)
कोटपूतली के ग्राम पुरुषोत्तमपुरा में गुरूवार को भगवान श्री जगन्नाथ का वार्षिकोत्सव समारोह बड़े ही धुमधाम व हर्षोल्लास से आयोजित किया जायेगा। इस मौके पर विशाल व भव्य मेले के आयोजन समेत अनेक कार्यक्रम किये जायेगें। मन्दिर के प्रति लोगों की अटूट श्रद्धा होने से आसपास के गांवों के अलावा कोलकाता, मुम्बई व दिल्ली से भी श्रद्धालु भगवान श्री जगन्नाथ के दर्शन करने आते है। इस मौके पर भगवान श्री जगन्नाथ की प्रतिमा का श्रृंगार कर मन्दिर में विशेष सजावट की जायेगी एवं शाम को विशेष आरती का आयोजन होगा। मेले में अलग-अलग स्टाले सजाने के अलावा श्रद्धालू रात भर मशाल जलायेगें। भगवान श्री जगन्नाथ के बाजरा व कढ़ी का भोग लगाकर प्रसादी का वितरण भी किया जायेगा। मन्दिर को लेकर मान्यता है कि कृष्ण पक्ष की नवमी को जिस दिन यहां मेला लगता है उस दिन पुरी (उड़ीसा) में जगन्नाथ मन्दिर के कपाट बंद रहते हैं और भगवान जगन्नाथपुरी के बजाय पुरूषोत्तमपुरा में विराजमान होते हैं।
क्या है मान्यता :- पुरुषोत्तमपुरा धाम के पीछे केशवदास नाम के एक शिष्य की अटूट आस्था से जुड़ी दिलचस्प कहानी है। गांव के बजरंग प्रसाद मित्तल, डॉ. अरविंद मित्तल, दिलीप मित्तल व शशि मित्तल सहित अनेक ग्रामीणों ने बताया कि गांव में वर्षों पहले एक केशवदास नाम का भक्त हर महीने उड़ीसा के जगन्नाथपुरी के दर्शन करने पैदल जाता था। उनको जगन्नाथपुरी जाने में करीब छह माह का समय लगता था। वक्त बीतने के साथ-साथ भक्त केशवदास वृद्ध हो गया। बताया जाता है कि एक रोज केशवदास रास्ते में थक कर बैठ गया, तभी भगवान जगन्नाथ ने भक्त केशवदास की लम्बी तपस्या से प्रसन्न होकर दर्शन दिए और कहा कि भक्त आज के बाद मैं स्वयं ही साल में एक बार तेरे गांव में आया करूंगा। तेरे गांव के नजदीक पुरुषोत्तमपुरा नामक ग्राम में अखेबड़ नाम का पर्वत है। इस पर्वत से एक शीला टूटकर नीचे आएगी, जिसे मेरा स्वरूप मानकर पूजा करना। इसी स्थान के कुछ नीचे खुदाई करने पर एक कुई निकलेगी, जिसमें सभी जाति के लोग पानी भरेंगे।