प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़ित बालिका को अन्तिम राहत हेतु 2 लाख 50 हजार रुपए स्वीकृत
जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने परिजनों से मिलकर ली इलाज की जानकारी
भरतपुर - राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़ित बालिका को अंतरिम स्तर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 2 लाख 50 हजार रूपये प्रतिकर हेतु स्वीकृत कर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई है। अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तथा जिला एवं सेशन न्यायाधीश केशव कौशिक ने घटना की गंभीरता को देखते हुए पीड़ित बालिका के परिजनों से मिले तथा उपचार के बारे में जानकारी ली। उन्होंने शारीरिक व मानसिक आघातों पर मरहम लगाने हेतु राजस्थान पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत पीड़ित बालिका को आर्थिक सहायता व पुर्नवास हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (पीड़ित प्रतिकर समिति) की बैठक आयोजित करने के लिए निर्देश दिये गये।
अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण व जिला एवं सेशन न्यायाधीश की अध्यक्षता में आयोजित अवकाशागार में बैठक अयोजित की गई। जिसमें जिला कलक्टर लोकबन्धु, जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा एवं अन्य सदस्यों द्वारा घटना की गंभीरता एवं प्रकरण में पीड़ित बालिका के मन-मस्तिष्क पर गहरा आघात व भारी मानसिक एवं शारीरिक वेदना को देखते हुए तुरंत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि पीड़िता के पारिवार की अत्यंत दयनीय आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति को ध्यान में रखते हुये तथ्यों का संज्ञान लिये जाने के पश्चात् प्रकरण की गंभीरता को देखकर पीड़ित बालिका को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत अंतरिम राहत पहुंचाने के लिए 2 लाख 50 हजार रूपये प्रतिकर हेतु तुरंत प्रभाव से देने का निर्णय लिया गया।
उन्होंने बताया कि समिति ने बालिका को घटना से हुये मानसिक आघात से उबारने हेतु उसकी मनो-चिकित्सक से काउंसलिंग करवाने एवं उसके समुचित इलाज, शिक्षा, देखरेख व पुर्नवास के लिए माॅनेटरिंग के लिए उप निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को निर्देशित किया गया। उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग इसमें जिम्मेदार सक्षम अधिकारी नियुक्त कर पीड़िता के पुर्नवास, चिकित्सा व देखरेख के संबंध में किये गये प्रयासों की रिपोर्ट जिला कलक्टर को एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, भरतपुर प्रेषित करेगें। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी आर.बी.एम. चिकित्सालय, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं प्रभारी अधिकारी जनाना चिकित्सालय को पीड़ित बालका के इलाज के किसी भी प्रकार की कोर कसर नहीं बरतने हेतु निर्देशित किया गया।