यमुना जल समझौता हुए लगभग 30 वर्ष हो गए भरतपुर जिले को आज तक पूरा पानी नहीं मिला
मुख्यमंत्री को लिखेगे पत्र, हमें भी मिले यमुना का पूरा पानी - पंडित रामकिशन
वैर-भरतपुर.,...पानी आन्दोंलन के अगुआ और भरतपुर के पूर्व सांसद पंड़ित रामकिशन ने कहा कि यमुना जल समझौता हुऐ लगभग 30 वर्ष हो गये भरतपुर जिले को भी आज तक पूरा पानी नहीं मिला '। हमें भी गुड़गाँवा नहर के द्वितीय चरण के तहत मिलने बाला पानी मिलना चाहिये ।
पूर्व सांसद पंड़ित रामकिशन ने अपने सहयोगी किसान नेता इन्दल सिंह जाट द्वारा जारी वयान में कहा है कि ऐसा नहीं है कि ड़बल इन्जन की सरकार पहली बार ही आई हो पहले भी कई बार केन्द्र और राज्य में भाजपा की सरकारे बनी हैं लेकिन पानी नहीं मिला । उन्होंने कहा कि चाहे देर से ही सही लेकिन राज्य सरकार पानी के उल्झे मामलो को सुलझा कर आगे बढ़ाने का काम कर रही है इस कदम का स्वागत है और सरकार का धन्यवाद भी । उन्होंने कहा कि सीकर ', झुन्झूनू और चूरू के लिये भी पानी मिलना चाहिये उन्हे यह पानी ताजेवा ला हैड से मिलेगा और भरतपुर जिले को उसके हिस्से का पानी औंखला बैराज से आयेगा ।
उन्होंने कहा कि सरकार को हमारे हिस्से के पानी के मुद्दे को भी हरियाणा सरकार से बातचीत कर सुलझाना चाहिये क्योंकि भरतपुर जिले में भी पानी का व्यापक संकट है और बगैर पानी के खेती बर्बाद हो रही हैं। किसान परेशान हैं । उन्होंने कहा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री स्वार्गीय भैरोंसिंह शेखावत ने भी डीग जिले के ग्राम बहज में जमुना पानी की पूजा की थी लेकिन आज तक किसानों के लिये पूरा पानी नहीं मिला ।
जबकि किसान नेता इन्दल सिंह जाट ने कहा कि चाहे यमुना जल का मुद्दा हो या ईआरसीपी हो जब तक जिले के किसानों को पानी नहीं मिल जाता तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा ।
किसान नेता इन्दल सिंह जाट ने कहा कि हमारा पानी का संघर्ष पूर्व सांसद पंड़ित रामकिशन के सानिध्य में वर्ष 2007 से लगातार जारी है और जारी रहेगा । उन्होंने कहा कि हम लोगों ने यमुना जल के लिये भी लम्बा संघर्ष किया था। जिसकी बजह से डीग क्षैत्र के किसानों को थोड़ा बहुत लाभ मिला है । किसानों को दूसरे चरण का पानी भी यमुना से मिलना चाहिये ।
किसान नेता इन्दल सिंह ने कहा कि यमुना जल के शेष पानी को डीग और भरतपुर लाने के लिये हम किसान संघर्ष समिति द्वारा जल्द ही राज्य के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया जायेगा । पानी की माँग को लेकर चल रहे आन्दोलन के तहत अब गाँव गाँव में नुक्कड़ सभाये आयोजित करेंगे ।