संतोषी ही सुखी है- श्याम बाबा
खैरथल (हीरालाल भूरानी ) कस्बे के प्रेम प्रकाश आश्रम पर बाबा आयाराम दरबार सरदार नगर अहमदाबाद के गद्दी नशीन संत जीवण राम उर्फ श्याम बाबा ने प्रवच सत्संग के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि संतोषी ही सुखी है। भले ही कोई करोड़पति क्यों ना हो, लेकिन उसे संतोष नहीं है तो दरिद्र है। संतोषी ही सबसे साहूकार है। उसे ही शांति प्राप्त होती है।
जीवन को नियमित बनाना चाहिए। खाना, विश्राम, घूमने, ज्ञान आदि सब का समय नियत कर लेना चाहिए और उस नियम से चलते रहना चाहिए। इससे स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक रहेगा। शारीरिक मानसिक आत्मिक उन्नति भी होगी। यदि नियमानुसार नहीं चलोगे तो बीमार हो जाओगे।
केवल राम नाम बोलने से क्या लाभ वाणी में सच्चाई होनी चाहिए। कर्म में सच्चाई होनी चाहिए।
आगे उन्होंने कहा कि दिखावे से कुछ नहि, मूल आत्मा में भीतर का निश्चय चाहिए, बाहरी ढोंग नहीं चलेगा, ह्रदय में सच्ची लगन चाहिए। बाहरी भेष से कुछ नहीं होगा। दाढ़ी रखने अथवा साधुओं के कपड़े पहनने से अथवा मालाएं पहनने से कुछ प्राप्त नहीं होगा। भले ही बाहर से कैसी भी अवस्था में हो किंतु ह्रदय का निश्चय सच्चा, दृढ़ और व्यवहारिक हो, तभी बेड़ा पार होगा। आत्मज्ञान से ही वासनाएं नष्ट होगी और ना योग से, न कर्म से। भगवान को याद करो, परमात्मा का नाम खूब जपते रहो। वास्तविक चीज भगवत स्वरूप आत्मा है। सत्संग समारोह के समापन पर उपस्थित श्रद्धालुओं को आश्रम की ओर से प्रसाद वितरण किया गया।