प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय उपसेवा केंद्र वैर की ओर से मनाई गई मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती की 57वी पुण्यतिथि
वैर (भरतपुर, राजस्थान/ कौशलेंद्र दत्तात्रेय) प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय उप सेवा केन्द्र वैर की ओर से मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती जी की 57 वीं पुण्यतिथि मुख्य अतिथि भ्राता भोला राम वैरवा तहसीलदार वैर की उपस्थिति में मनाई गई।कार्यक्रम की शुरुआत ईश्वरीय स्मृति का गीत "माँ तो माँ होती है माँ से बढ़कर कोई और नहीं "के साथ ब्र. कु. गीता बहन ने की l उसके बाद अतिथियों का तिलक, बैज, के द्वारा स्वागत किया गया! विशिष्ट अतिथि भ्रा. सुरेन्द्र सिंह विकास अधिकारी ग्राम पंचायत रहीमगढ़, लखनपुर ने अपने शब्द सुमन अर्पित करते हुए कहा कि मातेश्वरी ने जो सिखाया उनके पद चिन्होँ पर हमें चलना है और अपने जीवन में आगे बढ़ना है l "निस्वार्थ भाव से की गई सेवा सदा ही जीवन में आगे बढ़ाती है l हमें बड़े बुजुर्गो का सम्मान करना चाहिए और उनसे ही सलाह लेकर हर कार्य करना चाहिए आज मातेश्वरी जी की पुण्य स्मृति दिवस पर में यही संकल्प करता हूँ कि मैं भी अपनी जीवन में राजयोग का अभ्यास करूँगा l उक्त विचार वैर तहसीलदार भ्रा. भोलाराम बैरवा ने कार्यक्रम के अंतर्गत अपने वक्तव्य में कहाl
मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती जी का लौकिक नाम राधे था l उनका जन्म सन 1919 में अमृतसर में हुआ था l बचपन से ही वह पढ़ाई में होशियार थी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में आने के बाद मम्मा कहलाई और उन्होंने हर कर्म ईश्वरीय आज्ञा पर किया और सदा हाँ जी का पार्ट बजाया l 24 जून 1965 को उन्होंने पुराना शरीर छोड़कर अंतिम सांस ली l उक्त विचार कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी गीता जी ने अपने वक्तव्य में प्रस्तुत किए l
ब्रम्हाकुमारी संस्कृति बहन ने मम्मा की विशेषताओं को प्रदर्शित करते हुए कविता" स्मृति दिवस पर अर्पित करते है श्रद्धां सुमन तुम्हारे" प्रस्तुत की I ब्रम्हाकुमार हिम्मत भाई, ब्र. कु. अनिल भाई ने भी मम्मा की विशेषताओं पर प्रकाश डाला, सभी अतिथियों ने मिलकर मम्मा को श्रद्धांजलि दी l
अंत में अतिथियों को ईश्वरीय साहित्य सौगात एवं प्रसाद भेंट किया गया और अन्य सभी आए हुए भाई बहनों को भी ईश्वरीय प्रसाद भेंट किया l ब्रह्मा कुमार लक्ष्मण भाई ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित कियाl इस कार्यक्रम में रामजी लाल भाई, सुखराम भाई, करन, चेतन, आशा, कमलेश, सिलोचना एवं अन्य ब्र. कु. पाठ शालाओं के भाई बहिन भी उपस्थित हुए l