हिंदू,मुस्लिम एकता और भाईचारे के प्रतीक मेवात के संत बाबा लालदास का भरा मेला ,श्रदालुओं की उमड़ी भीड़
रामगढ़ /अलवर/ राधेश्याम गेरा
हिंदू मुस्लिम एकता और भाईचारे का प्रतीक संत बाबा लालदास जी के मेले के अवसर पर रामगढ़,पूठी,अलावडा,चौमा,लालदास मंदिर चौमा,टीकरी मोड सहित जगह जगह पर मीठे,शर्बत,शिकंजी,कैरी पन्ना,की छबील तो कंही कंही कोल्ड ड्रिंक,हलवा छोले तो कंही भण्डारे का आयोजन कर मेले में जाने वाले श्रध्दालु यात्रियों के लिए किया गया था,सेवा करने वाले युवक यात्रियों के वाहनों को रोक रोक कर प्रसाद वितरण और छबील सेवा करते नजर आए।
लालदास बाबा का मेला हर वर्ष ज्येष्ट पूर्णिमा के अवसर पर लगता है।यह मेला मेवात क्षेत्र का सुप्रसिद्ध मेला माना जाता है।
लाल दास बाबा ने जुल्हा के घर जन्म लिया था।लालदास बाबा ने डूबते जहाज को पार लगाया और इन्हे देखकर पागल हाथी भी शांत हो गया था।लाल दास बाबा के मंदिर में हमेशा तेल की अखंड जोत जलती रहती है।
लालदास बाबा को हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही मानते हैं।इनके दरबार में आकर सच्चे मन मांगी गई मन्नत पूरी होती है।
लाल दास बाबा का मेला हर वर्ष लगता है।पिछले दो वर्ष करोना महामारी के कारण नही भर पाया।इस बार तीसरे वर्ष में मेला भरा गया है।
इस अवसर पर पूठी में यादव समाज युवा मण्डल के बंटी,धर्मेन्द्र,राकेश,भप्पी,रिंकू,अजीत,गजेन्द्र,सुरेन्द्र यादव और अलावडा में संजय कालरा,संजय सिंघल,देवेन्द्र,निक्कू,चिराग,भोलू द्वारा छबील सेवा की गई।