जालौर में हुई घटना को लेकर रामगढ़ कस्बे में आक्रोशित दलित समाज के लोगों ने गहलोत सरकार के खिलाफ की नारेबाजी, सौंपा ज्ञापन
रामगढ़ (अलवर, राजस्थान) जालौर जिले में दलित समाज के मासूम छात्र इंद्र कुमार को शिक्षक द्वारा मटके से पानी पीने को लेकर मारपीट की गई l जिसमें इलाज के दौरान मासूम छात्र की मौत हो गई l पूरे देश में इस मामले को लेकर दलित समाज के लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है l इसी मामले को लेकर दलित समाज के आक्रोशित लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम रामगढ़ एसडीएम को ज्ञापन सौंपा । ज्ञापन के माध्यम से 5 सूत्री मांग की गई है कि पीड़ित परिवार को सरकार द्वारा 50 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाए साथ ही आरोपियों की फास्ट न्यायालय में मामले की सुनवाई की जाए । पीड़ित परिवार में सरकारी नौकरी की मांग रखी और सरकार द्वारा परिवार पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बना कर संपूर्ण सुरक्षा दिलवाने की मांग रखी । ज्ञापन देने पहुंचे दलित समाज के लोगों ने गहलोत सरकार के खिलाफ नाराजगी जताते हुए सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
दलित समाज के पूर्व सरपंच कमल जाटव ने बताया आज सभी दलित समाज के लोग इकट्ठा होकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन देने के लिए आए हैं ज्ञापन के माध्यम से 5 सूत्री मांग रखी गई है । यदि सरकार द्वारा हमारी मांगे पूरी नहीं की गई तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा जिसके जिम्मेदार सरकार स्वयं होगी । दलित समाज के लोगों के साथ जो हो रहे अत्याचार को समाज अब बर्दाश्त बिल्कुल नहीं करेगा । देश में जगह-जगह दलितों के साथ अत्याचार हो रहे हैं । कहीं पर तो दलितों को घोड़ी पर नहीं चढ़ने दिया जाता और कई जगह पर तो मूछ रखने पर भी दलितों के साथ मारपीट की जाती है । गहलोत सरकार में अत्याचार दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं । यदि इसी प्रकार अत्याचार बढ़ते रहें आने वाले समय में 2 अप्रैल की तरह दलितों को फिर से आंदोलन करना पड़ेगा
दलित समाज के पूर्व सरपंच कमल जाटव ने बताया आज सभी दलित समाज के लोग इकट्ठा होकर मुख्यमंत्री के नाम एसडीएम को ज्ञापन देने के लिए आए हैं ज्ञापन के माध्यम से 5 सूत्री मांग रखी गई है। यदि सरकार द्वारा हमारी मांगे पूरी नहीं की गई तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा जिसके जिम्मेदार सरकार स्वयं होगी । दलित समाज के लोगों के साथ जो हो रहे अत्याचार को समाज अब बर्दाश्त बिल्कुल नहीं करेगा । देश में जगह-जगह दलितों के साथ अत्याचार हो रहे हैं । कहीं पर तो दलितों को घोड़ी पर नहीं चढ़ने दिया जाता और कई जगह पर तो मूछ रखने पर भी दलितों के साथ मारपीट की जाती है । गहलोत सरकार में अत्याचार दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं । यदि इसी प्रकार अत्याचार बढ़ते रहें आने वाले समय में 2 अप्रैल की तरह दलितों को फिर से आंदोलन करना पड़ेगा