धरतीपुत्र किसान के साथ कृषि उपज मंडी में किया जा रहा छलावा: प्रशासन बेखबर
भरतपुर जिले के कामा कस्बे में कृषि उपज मंडी में धरतीपुत्र किसानों के साथ किया जा रहा है छलावा व धोखा। जहां एक और अन्नदाता एक-एक दाने को खेत खलियान से समेट कर अपने परिवार के पालन पोषण के लिए कृषि उपज मंडी में बेचने के लिए लाता है वहीं पर व्यापारी व निजी लैब संचालक अन्नदाता के साथ में छलावा व धोखा कर उसकी फसल को ओने पौने दामों में खरीद कर धोखा दे रहे हैं। जबकि कृषि उपज मंडी में सरकार द्वारा लाखों रुपये की लागत से लगाई गई है सरकारी लैब।
आपको जानकर हैरानी होगी कि लाखों रुपए की लागत से सरकार द्वारा कृषि उपज मंडी में सरकारी लैब लगाई गई है लेकिन व्यापारी व निजी लैब संचालक की सांठगांठ से सरकारी लैब धूल चाट रही है । व्यापारी द्वारा सरकारी लैब से तेल का निकलने वाला प्रतिशत सही नहीं बताया जाता है। और निजी लैब से निकलने वाला प्रतिशत व्यापारियों द्वारा मान्य माना जाता है।
हम आपको बता दें की डोरीलाल सैनी निवासी इदौली अपनी सरसों की फसल को कृषि उपज मंडी में बेचने आया था तब व्यापारी द्वारा निजी लैब पर तेल की मात्रा का प्रतिशत निकलवाने के लिए एक सैंपल भेजा। सैंपल में तेल की मात्रा 44.4% पाई जिस पर व्यापारी संतुष्ट नहीं हुआ उसने पुनः उसी निजी लैब पर उसी सैंपल की दूसरी जांच कराने भेज दी। जिसका 39.7% प्रतिशत पाया गया। जिस पर व्यापारी तो पूर्ण रुप से संतुष्ट हो गया लेकिन किसान के पांवो तले जमीन ही खिसक गई, दूसरी जांच को देख किसान डोरी लाल सैनी आश्चर्यचकित रह गया और उसने फिर तीसरी बार उसी सैंपल की जांच करा डाली जिसका प्रतिशत 38.3% रहा इसी तरह से उन्होंने एक बार फिर और निजी लैब पर ही उसी सैंपल की पुनः जांच कराई जिस का प्रतिशत 40.7% रहा।
जब उन्होंने निजी लैब के चारों परिणाम व्यापारी के समक्ष रखे तो व्यापारी भी चुप रह गया और कहने लगा कि हम स्वयं जांच करेंगे निजी लैब पर लेकिन परिणाम कोई खास नहीं निकल पाए पुनः किसान डोरी लाल सैनी ने कृषि उपज मंडी में लगी हुई सरकारी लैब पर जांच कराने की बात रखी जिस पर मंडी समिति के सचिव ने तुरंत लैब पर जांच कराई जिस का प्रतिशत 41.6% रहा।
अब कृषि उपज मंडी में प्रत्येक किसान देखने और सोचने यही महसूस कर रहा है की कृषि उपज मंडी में भी किसानों के साथ में धोखा और छलावा किया जा रहा है।
★ क्या प्रशासन की नींद खुलेगी, क्या किसानों के साथ हो रहे चलावे पर कोई कार्रवाई कर पाएगा। या फिर निजी लैब संचालक पर व्यापारी लूटते रहेंगे अन्नदाता को।।
★ जब संवाददाता ने मंडी समिति के सचिव से इस संदर्भ में बात रखी तो उन्होंने भी कोई संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दिया और कैमरे के सामने आने से बचते हुए नजर आए।।
पूर्व में भी लगभग दो वर्ष पहले इसी प्रकार का मामला कृषि उपज मंडी में सामने आया था जिसे हमारे संवाददाता ने प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित की जिस पर उपखंड अधिकारी रामकिशोर मीणा ने जांच कर निजी लैब पर सील लगाकर कर मशीनें जप्त कर कानूनी कार्यवाही की गई थी।।