सादडी नगर पालिका के बाहर कांग्रेस के पार्षदों ने दिया धरना
सादडी (पाली, राजस्थान/ बरकत खान) सादडी नगरपालिका ने सरकारी पोर्टल पर गैर-मुमकिन नदी में अतिक्रमण की दर्ज कराई शिकायत का निस्तारण करते हुए गैर-मुमकिन नदी से अतिक्रमण को ध्वस्त किया, पालिका की इस कार्यवाही के विरोध में मंगलवार सुबह कांग्रेस के सभी पदाधिकारी व पार्षदों ने अहिंसात्मक ढंग से अन्याय के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की। धरनार्थी पार्षदों का आरोप है कि भाजपा शासित बोर्ड ने चुनावी द्वेषता में एक बेवा का अतिक्रमण हटाकर उसे बेरोजगार किया।
पालिका द्वारा गैर-मुमकिन नदी से हटाये गए अतिक्रमण कार्यवाही का विरोध।
कांग्रेस के पार्षदो का कहना कि भाजपा का बोर्ड होने के कारण यहा के स्थानीय पार्षद नारायण देवासी ने अपने सत्ताधारी बोर्ड का गलत फायदा उठाते हुए एक विधवा जो कि अपनी आजीविका कुछ किराणा का सामान बेच कर चला रही थी,उस पर अवैध शराब कारोबार का आरोप लगाकर नगर पालिका बोर्ड ने उसके केबिन तोड़ डाला। इसका कांग्रेस के पार्षदो ने नगर पालिका प्रशासन का विरोध करते हुए मंगलवार को नगर पालिका के सामने सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की।पार्षदो का कहना है कि नगर पालिका प्रशासन बडे बडे भुमाफियाओ के बहुत नाजायज कब्जे है।लेकिन उसको राजनितिक दबाव के चलते नगर पालिका प्रशासन नही हटाकर एक विधवा औरत पर अपनी सता का दुरुपयोग किया है।
नाले के उद्घाटन को लेकर भी नाराज है कांग्रेस के पार्षद।
प्रतिपक्ष नेता राकेश मेवाडा ने बताया कि नाले के उद्घाटन मे राजस्थान मे कांग्रेस की सरकार है। मगर यहा के सत्ताधारी भाजपा बोर्ड ने गलत सोच रखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व स्वायत्त शासन मंत्री शांती धारीवाल का फोटो व नाम नही लिखना भाजपा शासित बोर्ड की घटिया सोच है। इसमे सिर्फ एक विधायक का फोटो लगाना राजनितिक दबाव है।इ सलिए कांग्रेस के सभी पार्षदो ने निर्णय लिया कि शिलान्यास का पूर्णरुप से बहिष्कार किया जाए।आपको बता कि इस नाले के निर्माण की मांग गत कांग्रेस शासित बोर्ड मे वर्तमान पार्षद शंकर देवडा ने नगर पालिकाध्यक्ष से की थी। जो कि खुदाबक्स बाबा की दरगाह से गाँछवाडे तक का नाला कांग्रेस शासित बोर्ड मे निर्माण बोर्ड मिटिंग मे प्रस्ताव लेकर पास किया गया। लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण नाले का निर्माण शुरु नही किया गया।जबकि उस समय बीएसआर से कम रेट मे ठेकेदार कार्य करने मे राजी थे। लेकिन अब जब भाजपा शासित बोर्ड बना तब उसको बीएसआर से ज्यादा रेट पर टेंडर दे कर बनाया जा रहा है। इससे स्पष्ट होता है कि नगर पालिका के इस कार्य मे भ्रष्टाचार की बू-आ रही है।