चम्बल के पानी की मांग को लेकर आंदोलन करने की तैयारी में जुटे किसान: अलावडा सरपंच जुम्मा खां के घर योजना की तैयारी को लेकर की गई बैठक
रामगढ़ (अलवर, राजस्थान/ राधेश्याम गेरा) चम्बल नदी का पानी देने की मांग को लेकर चढूनी यूनियन द्वारा 24 फरवरी को ब्लाक स्तर का बडा आंदोलन करने की तैयारी में जुटे किसान। आज अलावडा सरपंच जुम्मा खां के घर आंदोलन की योजना की तैयारी को लेकर बैठक की गई।केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा ईआरसीपी योजना को लागू नहीं ना करते हुए किसानों को अपने हाल पर छोड़ दिया। प्रति वर्ष जलस्तर नीचे गिरता जा रहा है। इसके लिए राज्य की पूर्व भाजपा सरकार द्वारा पीआरसी पी योजना के अंतर्गत चंबल का पानी राजस्थान के अलवर सहित 13 जिलों के किसानों को देने की घोषणा की गई थी। उसके बाद सन दो हजार अट्ठारह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजस्थान में ईआरसीपी योजना को लागू करने की घोषणा भी की। उसके बाद हरियाणा में तो यह योजना संपूर्ण हो गई और वंहा के किसानों द्वारा लाभ भी मिलने लगा है। लेकिन राजस्थान में केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना में केवल अलवर जिले के जयसमंद बांध और औद्योगिक इकाइयों को देने के लिए प्लान तैयार किया गया है जबकि इस योजना का सभी किसानों को लाभ मिलने की घोषणा की गई थी। राजस्थान में बरसात की कमी से हर वर्ष जलस्तर नीचे जा रहा है जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के साथ-साथ पेयजल का भी संकट खड़ा हो गया है । इईआरसीपी योजना का लाभ अलवर जिले के सभी किसानों को मिले और चंबल का पानी रूपारेल नदी में छोड़ा जाए इसके लिए पिछले पांच-छह वर्षों से ढूंढने किसान यूनियन के किसान संघर्ष कर रहे हैं और समय-समय पर राजनेताओं से संपर्क कर मौखिक और लिखित रूप से ज्ञापन देकर एसीपी योजना का लाभ अलवर जिले के किसानों को मिले इसकी मांग करते आ रहे हैं लेकिन राज्य में कांग्रेस सरकार और केंद्र में बैठी बीजेपी सरकार एक दूसरे को ऊपर जिम्मेदारी सौंपते हुए अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। इससे आक्रोशित हो चढूनी यूनियन के किसानों द्वारा 24 फरवरी को रामगढ़ ब्लॉक स्तर पर महा आंदोलन करने की तैयारी को लेकर अलावडा में सरपंच जुम्मा खान के घर रिटायर्ड अध्यापक गुरुबचन सिंह की अध्यक्षता में बैठक की गई।
जिनमें चठुन्नी यूनियन के प्रवक्ता एवं बैठक के संयोजक वीरेंद्र मोर,अध्यक्षता कर रहे गुरुबचन सिंह,पूर्व सरपंच कमल चंद,समाजसेवी ताहिर भाई, सरपंच जुम्मा खाने ने अपने अपने विचार रखे और कहा कि यदि केंद्र सरकार की आरसीपी योजना को लागू कर अलवर की रूपारेल नदी में पानी को छोड़ दी है तो इसमें हमारे क्षेत्र के हजारों किसानों को लाभ मिलेगा और जलस्तर ऊंचा उठ जाएगा जिससे पर्याप्त मात्रा में क्षेत्र में सिंचाई और पीने के पानी उपलब्ध हो सकेगा यदि आज भी किसान जागरूक नहीं हुए तो 1 दिन ऐसा आएगा कि यहां से किसानों को पानी की कमी के चलते कौड़ियों के भाव में अपनी भूमि बेचनी पड़ेगी और यहां से पलायन करना पड़ेगा।
इसी के साथ रामगढ़ क्षेत्र की प्रत्येक ग्राम पंचायत के किसानों से संपर्क कर अधिक से अधिक संख्या में रामगढ़ पहुंचने के लिए आज ग्राम स्तर की बैठक की गई और आगामी 25 जनवरी को अलावड़ा एवं आसपास के किसानों की एक बड़ी मीटिंग बुलाई गई है। आज की बैठक में पंच आसम खान, फजरु कंडेक्टर,लीलाधर गेरा,मूहूर खान,असरली,हस्सा खान,नसरु खान,पूर्व पंच रोशन सैनी,ईस्सर खान,कांटूला,रहीमा खान सहित अनेक किसान मौजूद रहे।