गाजे बाजे के साथ निकली गणगौर की सवारी
कामा (भरतपुर, राजस्थान/ हरिओम मीना) पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की पंचम निधि श्री गोकुलचंद्रमाजी मंदिर से गणगौर की सजी धजी शोभायात्रा गाजे बाजे के साथ निकाली गई । शोभायात्रा में सुसज्जित रथ में ईसर और गणगौर का शृंगारिक स्वरूप विराजमान किया गया। साथ ही शुद्धाद्वैत पंचम पीठ के आहिताग्नि प्रतापी गोस्वामी आचार्य श्री देवकीनंदन आचार्य के जन्मोत्सव के अवसर पर उनका प्राचीन श्रीचित्र विराजमान किया गया । उल्लेखनीय है कि संवत 1915 में गणगौर के दिन श्री देवकीनंदनाचार्य महाराज का प्राकट्य हुआ जिन्होंने पूरे भूमंडल पर पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की ध्वजा पताका को फ़हराया और अपने तपस्वी जीवन से पूरे विश्व में पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय का परचम लहरा दिया। इस अवसर पर मंदिर श्री गोकुलचंद्रमाजी के समस्त सेवक गण और महिला पुरुषों की भारी भीड़ शोभायात्रा के साथ तीर्थराज विमल कुंड पर पहुंची जहां मंत्रोच्चारण और विधि विधान के साथ मंदिर श्री गोकुलचंद्रमाजी के मुखिया ललित कुमार और मुकेश कुमार के द्वारा ईसर और गणगौर को जल पिलाया गया और उसके बाद यह शोभायात्रा पुनः मंदिर की गोकुलचंद्रमाजी में पहुंची जहां प्रसाद वितरण के साथ शोभायात्रा का समापन हुआ।