ग्राम पंचायत चीडवा में करीब 35 लाख का हैडपम्प घोटाला :जाँच कमेटी ने 2 माह में सौपी हैडपम्पों की जांच रिपोर्ट
56 हैडपम्पों में से मौके पर सिर्फ 1 हैडपम्प चालू मिला चालू हालात में, 28 हुए ही नही :हैंडपम्पों का सत्यापन करने वाली टीम को मौके पर सिर्फ 1 हैडपम्प चालू हालात में मिला।
रामगढ ,अलवर (राधेश्याम गेरा)
अलवर जिले की पंचायत समीति रामगढ और नौगावां तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत चीड़वा में चल रही हैडपम्प घोटाले की जाँच को पंचायत समीति विभाग द्वारा गठित टीम ने 2 माह में 56 हैडपंपों की जांच कर रिपोर्ट विभाग को सौप दी। हैंडपम्पों का सत्यापन करने वाली टीम को मौके पर सिर्फ 1 हैडपम्प चालू हालात में मिला।
गौरतलब है कि पंचायत समिति सदस्य सुनील गढई द्वारा चीडवा ग्राम पंचायत में वित्तिय वर्ष 2019-20 व 2020-21 में लगें कुल 56 हैडपम्पों की जाँच का मुददा उठाया था। उन्होने 5 नवम्बर 2022 को हैडपम्पों की जाँच हेतु विकास अधिकारी रामगढ़ को निवेदन किया। विकास अधिकारी द्वारा सत्यापन टीम का गठन किया गया। परन्तु राजनीतिक दबाव के कारण सत्यापन नही करवाया गया। उसके बाद जी राजस्थान मीडीया सहित अन्य समाचार पत्रों में मामला आने पर विकास अधिकारी द्वारा आनन फानन में गठित की गई जाँच टीम । हैण्डपम्प घोटाले का मामला मीडीया में आने पर विकास अधिकारी रामगढ के द्वारा हैडपम्पों की जांच हेतु 16 जनवरी 2023 को 5 सदस्यों की टीम का गठन किया। और उन्हे 7 दिवस में जांच कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश जारी किए।
सत्यापन दल को मौके पर सिर्फ 1 हैडपम्प चालू हालात में मिला
सत्यापन दल में अखिलेश गुप्ता सहायक विकास अधिकारी, रामप्रसाद सहायक विकास अधिकारी, योगेश पालीवाल सहायक लेखाधिकारी, शबनम कनिष्ठ अभियन्ता, हरिसिंह सहायक विकास अधिकारी शामिल रहें। जांच टीम ने 56 हैडपम्पों की जांच 53 दिनों में पूरी की। जिसके लिए नौ बार सत्यापन दल मौके पर गया। 7 फरवरी 2028 को भी जाच दल ग्राम पंचायत चीडवा के हैंडपम्पों के सत्यापन के लिए मौके पर पहुंचा । परन्तु मौके पर कोई भी कर्मचारी नहीं मिला ऐसे में जांच टीम को बिना जांच के बैरंग लौटना पड़ा। जांच टीम ने 14 फरवरी 2023 को हैडपम्पों की जांच कर 119 पन्नों की रिपोर्ट विभाग को सौपी।
जांच दल की रिपोर्ट
हैडपम्पों की स्थिति -
- मौके पर चालू हैडपम्प 1
- मौके पर मौजूद व बन्द हैडपम्प 9
- मौके पर केवल बोरिंग कार्य 13
- मौके पर नहीं पाए हैंडपम्प 28 सत्यापन नहीं हो पाया 5
नोटिस जारी कर की खानापूर्ति, परन्तु कार्यवाही नही
विकास अधिकारी रामगढ़ के द्वारा हैडपम्पों की पहचान बिन्दुओं एवं स्थान की जानकारी हेतु कनिष्ठ तकनीकी सहायक रामगढ संतोष कोली, भूपेश शर्मा तत्कालीन कनिष्ठ सहायक चीडवा, राजेश कुमार मीणा, सतीश कुमार शर्मा व गौरव अरोडा तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारी चीड़वां को जांच दल के सहयोग हेतु आदेश जारी किए गए। परन्तु उक्त कर्मचारीयों में से कोई भी जांच दल के सहयोग के लिए उपस्थित नहीं हुआ। ऐसे में विभाग के द्वारा कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनहीनता कार्यवाही मात्र नोटिस जारी कर खानापूर्ति कर दी गई, लेकिन किसी भी प्रकार की कोई उचित कार्यवाही नहीं की गई। वहीं दूसरी तरफ रामदयाल वर्मा वर्तमान विकास अधिकारी चीडवा द्वारा हैडपम्पों की स्वीकृति एवं कार्य पूर्णता उनके कार्यकाल में नहीं होने के कारण जानकारी प्रदान करने में असमर्थता जाहिर कर दी गई।
लगभग 35 लाख का हैडपम्प घोटाला, ऐसे समझे घोटाले का गणित
वित्तिय वर्ष 2019-20 व 2020-21 के गोशवारा रिपोर्ट के अनुसार ग्राम पंचायत चीडवा में कुल 56 हैडपम्पों पर कुल राशि 47,45,821 स्वीकृत की गई। जांच रिपोर्ट के अनुसार 28 हैडपम्प मौके पर नहीं है और 13 हैडपम्पों में केवल बोरिंग कार्य हुआ है। अगर इन हैडपम्पों के कुल लागत देखी जाए तो लगभग 35 लाख आती है।
क्या देखकर कार्यपूरण (सीसी)प्रमात्रपत्र जारी किया अधिकारियों ने
ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि जब मौके पर हैंडपम्प लगें ही नही तो अधिकारियों ने क्या देखकर हैडपम्पों की इतनी बड़ी राशि स्वीकृति का भुगतान करवा दिया । जांच रिपोर्ट से साफ जाहिर होता है कि इस घोटाले में केवल तत्कालीन सरपंच ही दोषी नहीं है अधिकारी और कर्मचारी भी दोषी हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार के कारण आंखे बंद कर कार्य पूर्ण व उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी कर दिए।
सुनील गढई , पंचायत समिति सदस्य :-
ग्राम पंचायत चिड़वा में 56 हैडपंपों की जांच के लिए कहा गया था । जांच रिपोर्ट के अनुसार केवल 1हैडपंप ही मौके पर चालू हालत में मिला और 28 तो मौके पर ही नही मिले। अनुमान लगाया जाए तो लगभग 35 लाख रुपए का गबन हैं। इस गबन में जो भी सम्मिलित है उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।
उपप्रधान रामगढ़ अतर सैनी :-
चिड़वा ग्राम पंचायत में जनता के साथ धोखाधड़ी की गई हैं। इसमें सरपंच, और अधिकारियो की मिलीभगत से ये हुआ हैं। दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही जल्द होनी चाहिए।
विकास अधिकारी रामदयाल वर्मा :-
इनका कहना है कि हमें सत्यापन रिपोर्ट मिल गई है हमने वह रिपोर्ट पर जिला परिषद् को भेज दी है। उच्च अधिकारियों द्वारा जैसा भी निर्देश हमें मिलेगा उसी अनुसार कार्यवाही की जाएगी।