भारत की सांस्कृतिक पहचान है अतुल्य और अदभुत - डॉ महला
उदयपुरवाटी (झुंझुनू, राजस्थान /सुमेर सिंह राव) उदयपुरवाटी कस्बे में घूमचक्कर के पास स्थिति श्री टोडरमल pg महाविद्यालय के परिसर में गुरुवार को रुक्टा (राष्ट्रीय) के तत्वावधान में स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत इंडिया से भारत की ओर विषय पर व्याख्यान देते हुए मुख्य वक्ता डॉ अशोक कुमार महला ने कहा कि स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे होने पर 'इंडिया से भारत की ओर' आयोज्यमान जैसे विषयों पर व्याख्यान जनमानस में भारत की भव्यता का प्रकाशन करने और उसके प्रति हम सब के दायित्व के प्रति जागरण भाव पैदा करने का महनीय ध्येय पूरा कर सकेंगीं। डॉ महला ने कहा कि भारत की सांस्कृतिक पहचान अतुल्य और अद्भुत है। स्वाधीनता का अमृत महोत्सव यह चिंतन और मनन करने का अवसर देता है कि स्वाधीनता आंदोलन केवल भौगोलिक स्वाधीनता और राजनैतिक सत्ता हस्तान्तरण के लिए नहीं अपितु भारत की सनातन पहचान को बचाए रखने के लिए था। विशिष्ट अतिथि डॉ राजेंद्र कुमार सह आचार्य राजकीय कला महाविद्यालय, सीकर ने कहा कि आज स्वराज-75 के अवसर पर यह संकल्प है कि जीवन से जुड़े प्रत्येक क्षेत्र में स्वदेशी विकल्प खड़ा करके हमें स्वाधीनता से स्वतंत्रता की ओर की यात्रा आगामी 25 वर्षों में पूरी करनी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्था के निदेशक पवन मिश्रा ने महाराजा सूरजमल, महाराणा प्रताप, जोरावर सिंह, फतेह सिंह शेखावाटी के डूंग जी, जवाहर जी, लोठू जाट आदि के संघर्ष व बलिदान को याद करते हुए कहा कि इस अवसर पर हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम स्वतंत्रता आंदोलन के अमर सेनानी, राष्ट्र नायकों व अपने पूर्वजों के प्रति जनमानस में श्रद्धा जागृत कर सकें। अंत में महाविद्यालय प्राचार्य डॉ फुला राम ने धन्यवाद ज्ञापित किया।