डिजिटल युग में पीड़ितों का मददगार बनता जा रहा नरसी किलक
मेडतासिटी (नागौर, राजस्थान/ तेजाराम लाडणवा) कहते हैं कि पैसे की मार सबसे बुरी होती है और यदि यह माल किसी अनजान व्यक्ति द्वारा धोखे से दी गई हो तो आदमी अंदर तक टूट जाता है नागौर जिले सहित राजस्थान के कई जिलों में धोखे बाजो का शिकार बनकर टूटे व्यक्तियों की लाठी बनकर सहारा देने वाला राजस्थान पुलिस का एक सिपाही लोगों की आंखों का तारा बन गया है . नागौर जिला के मेड़ता उपखंड के गोटन थाना में सिपाही पद पर तैनात नरसी किलक पुलिस सेवा का दायित्व निभाने के साथ साथ लोगों के साथ होने वाले साइबर क्राइम की ठगी से बचाने का सामाजिक सरोकार भी निभा रहे हैं . वर्ष 2013 में पुलिस सेवा के साथ साइबर क्राइम मुक्त समाज बनाने का अभियान को अपना मकसद मानकर साइबर ठगी के खिलाफ काम करने वाले नरसी खेला अब ठगों के लिए सिरदर्द बन गए हैं . इस सिपाही द्वारा समय-समय पर अपने फेसबुक पेज से लोगों को साइबर क्राइम से बचाने और ठगी का शिकार हुए लोगों को कानूनी कार्रवाई की जानकारी उपलब्ध कराने का काम किया जाता रहा है. जी राजस्थान न्यूज़ से हुई विशेष वार्ता में नरसी तिलक ने बताया कि फेसबुक लोडिंग सोशल इंजीनियरिंग स्कैम है जिसे ठग आपके फेसबुक अकाउंट की कॉपी करके आपके दोस्तों की लिस्ट पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर उन्हें ऐड कर लेते हैं . उन्होंने ऑनलाइन ठगी के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हैक की गई आईडी को भी ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत रिकवर किया जा सकता है. हमें पॉप साइबर सेल में सूचना देकर बैंक खाता बंद करवा कर बैंक खाते के जरिए होने वाले ट्रांजैक्शन को रोका जा सकता है. साइबर क्राइम के क्षेत्र में अपना अनुभव साझा करते हुए उन्होंने बताया कि अभी तक ठगी का शिकार हुए सैकड़ों लोगों का धन रिकॉर्ड करके लाखों रुपए रिकवर करवाने में कामयाबी हासिल की है. मात्र 12वीं कक्षा पास नरसी किलक इस काबिलियत से जहां एक और ठगी का शिकार हुए लोगों को राहत मिल रही है वहीं दूसरी ओर ठगी करने वाले लोगों का सिर दर्द बढ़ता जा रहा है। इस सिपाही की कार्यकुशलता के चलते अब इन्हे जयपुर एटीएस टीम में शामिल कर लिया गया है।